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पौष पुत्रदा एकादशी 2023: नए साल की पहली एकादशी पर इन 10 मंत्रों से करें भगवान विष्णु की आराधना

By रुस्तम राणा | Updated: January 1, 2023 14:12 IST

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, पौष पुत्रदा एकादशी व्रत करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में पौष पुत्रदा एकादशी को वैकुंठ एकादशी के नाम से जाना जाता है।

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Paush Putrada Ekadashi 2023: पौष पुत्रदा एकादशी साल 2023 की पहली एकादशी है। यह एकादशी व्रत 2 जनवरी, सोमवार के दिन रखा जाएगा। हिन्दू पंचांग के अनुसार, पौष मास शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। हिन्दू धर्म में हर एक व्रत का अपना अलग महत्व होता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, पौष पुत्रदा एकादशी व्रत करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में पौष पुत्रदा एकादशी को वैकुंठ एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन विधि-विधान से जगत के पालनहार भगवान विष्णु जी की आराधना की जाती है। एकादशी के दिन भगवान विष्णु से जुड़े कुछ विशेष मंत्रों का जाप करने से जातकों को श्रीहरि का आशीर्वाद प्राप्त होता है - 

विष्णु जी को लगाएं खीर का भोग

एकादशी के दिन आप भगवान विष्णु को खीर का भोग लगाएं। खीर में तुलसी का पत्ता डाल दें। इससे श्रीहरि विष्णु आप पर प्रसन्न होंगे और मनोकामनाएं पूरी होंगी। एकादशी के दिन भगवान विष्णु का पंचामृत से अभिषेक करना चाहिए। कहते हैं पंचामृत जगत के पालनहार को बेहद प्रिय है। प्रसाद के रूप में भी पंचामृत को ग्रहण करना चाहिए। इससे आप पर भगवान विष्णु की कृपा होगी। धन-धान्य में वृद्धि के साथ मनोकामनाएं भी पूर्ण होंगी।

इस दिन इन चीजों का करें दान

एकादशी के दिन पीले चावल, चने की दाल, केला, गुड़, पीले वस्त्र आदि का दान करना भी अत्यंत लाभकारी होता है। इससे आपके जीवन में सुख-समृद्धि की कामना पूर्ण होती है। इस दिन पीपल के वृक्ष को जल अर्पित करना चाहिए। इसके बाद वृक्ष के नीचे घी का दीपक जलाना चाहिए। धार्मिक मान्यता है कि पीपल के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है। ऐसा करने से आप पर भगवान विष्णु की कृपा दृष्टि बनी रहेगी।

तुलसी के पौधे की करें पूजा

एकादशी के दिन विष्णु जी के साथ-साथ मां तुलसी की पूजा अवश्य करें। तुलसी मां लक्ष्मी स्वरूपा हैं। शाम के समय तुलसी की वेदिका पर घी का दीपक जलाएं और कम से कम 5 या 11 बार परिक्रमा करें। इस उपाय से आपके जीवन में आ रही आर्थिक समस्याएं नष्ट हो जाएंगी।

पुत्रदा एकादशी पर करें इन मंत्रों का जाप

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।ॐ विष्णवे नम:।ॐ हूं विष्णवे नम:।श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे।हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।ॐ अं वासुदेवाय नम:।ॐ आं संकर्षणाय नम:।ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:।ॐ अ: अनिरुद्धाय नम:।ॐ नारायणाय नम:।

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