Paush Purnima 2025 Date: पौष पूर्णिमा कब है? जानें तिथि, मुहूर्त, चंद्रोदय का समय और पूजा विधि

By रुस्तम राणा | Published: January 11, 2025 02:37 PM2025-01-11T14:37:49+5:302025-01-11T14:37:49+5:30

ऐसी मान्यता है कि पौष पूर्णिमा के दिन शुभ मुहूर्त में पवित्र नदी में स्नान करें। इसके बाद दीपदान करें। माना जाता है कि दीपदान करने से व्यक्ति के पापों का नाश होता है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

Paush Purnima 2025 Date: When is Paush Purnima? Know the date, auspicious time, moonrise time and puja method | Paush Purnima 2025 Date: पौष पूर्णिमा कब है? जानें तिथि, मुहूर्त, चंद्रोदय का समय और पूजा विधि

Paush Purnima 2025 Date: पौष पूर्णिमा कब है? जानें तिथि, मुहूर्त, चंद्रोदय का समय और पूजा विधि

Paush Purnima 2025: हिन्दू धर्म में पौष पूर्णिमा तिथि का बड़ा महत्व है। इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान सत्यनारायण का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पवित्र स्नान, व्रत-अनुष्ठान आदि किए जाते हैं। इस पावन तिथि पर दान-दक्षिणा और सूर्य देव को अर्घ्य देने का भी विशेष महत्व बताया गया है। ऐसी मान्यता है कि पौष पूर्णिमा के दिन शुभ मुहूर्त में पवित्र नदी में स्नान करें। इसके बाद दीपदान करें। माना जाता है कि दीपदान करने से व्यक्ति के पापों का नाश होता है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। पौष पूर्णिमा के अवसर पर वाराणसी स्थित दशाश्वमेध घाट तथा प्रयाग स्थित त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाना अत्यधिक शुभ एवं महत्वपूर्ण माना जाता है। माना जाता है कि, पौष पूर्णिमा के दिन पवित्र डुबकी लगाने से मनुष्य को जीवन-मरण के अनवरत चक्र से मुक्ति प्राप्त होती है।

पौष पूर्णिमा 2025 कब है?

पौष पूर्णिमा 13 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी। इस दिन महाकुंभ का पहला शाही स्नान भी होगा। पौष पूर्णिमा के दिन से माघ मास के पवित्र व्रतों की शुरुआत होती है और इस दिन शाकम्भरी जयंती भी मनाई जाती है।

पौष पूर्णिमा तिथि का मुहूर्त

पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ - जनवरी 13, 2025 को 05:03 ए एम बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त - जनवरी 14, 2025 को 03:56 ए एम बजे

पौष पूर्णिमा पर चंद्रोदय का समय  

पूर्णिमा के दिन चन्द्रोदय शाम 05 बजकर 03 मिनट पर होगा। 

पौष पूर्णिमा व्रत और पूजा विधि

पौष पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान करने से पहले व्रत का संकल्प लें। 
इसके बाद पवित्र नदी या कुण्ड में स्नान करें। 
स्नान से पूर्व वरुण देव को प्रणाम करें। 
स्नान के पश्चात सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए। 
स्नान से करने के बाद भगवान मधुसूदन की पूजा करनी चाहिए। 
इसके बाद किसी जरुरतमंद व्यक्ति या ब्राह्मण को भोजन कराकर दान-दक्षिणा दें।
दान में तिल, गुड़, कंबल और ऊनी वस्त्र विशेष रूप से दें।

पौष पूर्णिमा का महत्व

हिंदू धर्म से जुड़ी मान्यता के अनुसार, पौष सूर्य देव का माह कहलाता है। मान्यता है कि इस मास में सूर्य देव की आराधना से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है, इसलिए पौष पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में पूजन से मनोकामनाएं पूर्ण होती है और जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं। पौष पूर्णिमा, माघ माह में एक माह तक की जाने वाली तपस्या के आरम्भ का प्रतीक है। उत्तर भारत में प्रचलित चन्द्र कैलेण्डर के अनुसार पौष पूर्णिमा के अगले दिवस से माघ माह प्रारम्भ होता है।

Web Title: Paush Purnima 2025 Date: When is Paush Purnima? Know the date, auspicious time, moonrise time and puja method

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