November 2021 Vrat Festival List: नवंबर माह में दिवाली, भाईदूज और छठपूजा जैसे महत्वपूर्ण त्योहार, देखें लिस्ट
By रुस्तम राणा | Published: October 24, 2021 03:54 PM2021-10-24T15:54:28+5:302021-10-30T10:34:58+5:30
इस महीने धनतेरस, दिवाली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज और छठ पूजा के अलावा कई अन्य व्रत एवं त्योहार पड़ेंगे। नवंबर माह शुरू होते ही त्योहारों की झड़ी लगने वाली है।
नवंबर का महीना त्योहारों से भरा पड़ा है। इस महीने धनतेरस, दिवाली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज और छठ पूजा के अलावा कई अन्य व्रत एवं त्योहार पड़ेंगे। नवंबर माह शुरू होते ही त्योहारों की झड़ी लगने वाली है। माह के पहले दिन रमा एकादशी व्रत रखा जाएगा। साथ ही इस महीने 3 एकादशी तिथियां आएंगी। इनमें रमा एकादशी, देवउठनी एकादशी और उत्पन्ना एकादशी शामिल हैं। कार्तिक पूर्णिमा तिथि भी इसी माह है। इसके साथ ही नवंबर माह में गुरु तेग बहादुर बलिदान दिवस भी आएगा। देखें पूरी लिस्ट यहां (November 2021 Vrat Festival List):-
01 नवंबर: रमा एकादशी
कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की एकादशी को रमा एकादशी के नाम से जाना जाता है। हिन्दू धर्म में एकादशी व्रत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह तिथि भगवान विष्णु जी को समर्पित है।
02 नवंबर: धनतेरस
दिवाली से पहले धनतेरस पर धन और समृद्धि के देवता कुबेर भगवान का पूजन किया जाता है। मान्यता है कि कुबेर देव प्रसन्न होकर घर में धन के भंडार भर देते हैं। इस दिन भौम प्रदोष व्रत भी है।
03 नवंबर: नरक चतुर्दशी
दिवाली से ठीक एक दिन पहले नरक चतुर्दशी का त्योहार मनाया जाता है। कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नरक चतुर्दशी के नाम से जाना जाता है। इसे रूप चौद, काली चौदस और छोटी दिवाली के नाम से भी जाना जाता है।
04 नवंबर: दीपावली
दिवाली हिन्दू धर्म का प्रमुख त्योहार है। यह हर साल कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। यह रौशनी और खुशहाली का पर्व है। इस दिन मां लक्ष्मी और गणपति महाराज की पूजा का विधान है।
05 नवंबर: गोवर्धन पूजा
दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा का विधान होता है। इस पर्व में गोवर्धन और गाय की पूजा का विशेष महत्व होता है। इस दिन लोग घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन पर्वत का चित्र बनाकर गोवर्धन भगवान की पूजा करते हैं।
06 नवंबर: भाईदूज
भाईदूज. भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक पर्व है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को यह त्योहार मनाया जाता है। इस दिन बहनें भाई की कलाई में कलावा और माथे पर तिलक करके उसकी लंबी आयु और सुख समृद्धि की कामना करती हैं।
08 नवंबर: विनायक चतुर्थी
विनायक चतुर्थी व्रत गणपति महाराज की कृपा पाने के लिए हर महीने शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन रखा जाता है। इस व्रत को रखने से सारे विघ्न और संकट दूर हो जाते हैं।
10 नवंबर: छठ पूजा
छठ पूजा पर्व कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन छठ माई और सूर्य उपासना का पर्व है। यह पर्व मुख्य रूप से बिहार, झारखण्ड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में मनाया जाता है।
14 नवंबर: देवउठनी एकादशी
कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। हिन्दू धर्म में यह एकादशी तिथि महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन भगवान विष्णु चार माह की निद्रासन से जागते हैं और मांगलिक कार्य शुरू होते हैं।
16 नवंबर: भौम प्रदोष
प्रदोष हर माह त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाता है। जब यह तिथि मंगलवार के दिन पड़ती है तो उस भौम प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान शिवजी और माता पार्वती का व्रत किया जाता है। साथ मंगल देव की आराधना की जाती है।
18 नवंबर: कार्तिक पूर्णिमा
कार्तिक पूर्णिमा को गंगा स्नान और त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इस दिन गंगा स्नान का महत्व है। मान्यता है कि इस दिन किसी पवित्र नदी, जलकुंड अथवा सरोवर में स्नान करने से पुण्यफल की प्राप्ति होती है।
23 नवंबर: संकष्टी चतुर्थी
हिन्दू पंचांग के अनुसार, संकष्टि चतुर्थी व्रत कृष्ण पक्ष चतुर्थी को रखा जाता है। गणेश जी को प्रथम देव माना गया है, इसलिए हर शुभ कार्य से पहले उन्हें ही पूजा जाता है।
30 नवंबर: उत्पन्ना एकादशी
मार्गशीर्ष मास कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकादशी के नाम से जाना जाता है। हिन्दू धर्म में यह एकादशी तिथि महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन एकादशी व्रत में भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा की जाती है।