Navratri 2019: कन्या पूजन के दौरान इन 5 बातों का विशेष ध्यान रखें, नहीं तो मां दुर्गा की उपासना रह जाएगी अधूरी

By ज्ञानेश चौहान | Updated: October 1, 2019 15:03 IST2019-10-01T15:03:38+5:302019-10-01T15:03:38+5:30

kanya Puja / kanjak puja/ kanya pujan Vidhi in Navratri: कई लोग सप्‍तमी से कन्‍या पूजन शुरू कर देते हैं लेकिन जो लोग पूरे नौ दिन का व्रत करते हैं उन्हें तिथि के अनुसार नवमी और दशमी को कन्‍या पूजन करने के बाद ही प्रसाद ग्रहण करके व्रत खोलना चाहिए।

Navratri special kanya puja vidhi in navratri kanya puja kanjak puja kanjak puja importance in navratri | Navratri 2019: कन्या पूजन के दौरान इन 5 बातों का विशेष ध्यान रखें, नहीं तो मां दुर्गा की उपासना रह जाएगी अधूरी

Navratri 2019: कन्या पूजन के दौरान इन 5 बातों का विशेष ध्यान रखें, नहीं तो मां दुर्गा की उपासना रह जाएगी अधूरी

Highlightsशास्‍त्रों के अनुसार कन्‍या पूजन के लिए दुर्गाष्‍टमी के दिन को सबसे ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण और शुभ माना गया है।दुर्गाष्टमी और नवमी के दिन इन कन्याओं को नौ देवी का रूप माना जाता है।

नवरात्रि का पावन पर्व चल रहा है और जैसा कि सभी लोग जानते हैं कि हर नवरात्रि पर सप्‍तमी तिथि से कन्‍या पूजन शुरू हो जाता है। इस दौरान नौ कन्‍याओं को घर बुलाकर उन्हें भोज कराया जाता है साथ ही उनकी पूजा भी की जाती है। ऐसा इसलिए किया जाता है कि क्योंकि दुर्गाष्टमी और नवमी के दिन इन कन्याओं को नौ देवी का रूप माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि कन्याओं का देवियों की तरह आदर सत्कार और भोज कराने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों को सुख समृधि का वरदान देती हैं।

ध्यान रखें ये बातें

कन्याओं का पूजन करते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना भी जरूरी हो जाता है, ये बातें कौन-सी हैं ये हम आपको बताते हैं...

- कन्‍या भोज और पूजन के लिए कन्‍याओं को एक दिन पहले ही आमंत्रित कर देना चाहिए। मुख्य कन्या पूजन के दिन इधर-उधर से कन्याओं को पकड़ के लाना सही नहीं होता है।

- कन्याओं की आयु दो साल से 10 साल तक होनी चाहिए और इनकी संख्या कम से कम 9 तो होनी ही चाहिए और एक बालक भी होना चाहिए जिसे हनुमानजी का रूप माना जाता है। जिस प्रकार मां की पूजा भैरव के बिना पूर्ण नहीं होती, उसी तरह कन्या-पूजन के समय एक बालक को भी भोजन कराना काफी जरूरी होता है। अगर भोज पर 9 से ज्यादा कन्याएं आ रही हैं तो भी कोई आपत्ति नहीं है।

- गृह प्रवेश पर कन्याओं का पूरे परिवार के साथ पुष्प वर्षा से स्वागत करें और नव दुर्गा के सभी नौ नामों के जयकारे लगाएं।

- अब इन कन्याओं को आरामदायक और स्वच्छ जगह बिठाकर सभी के पैरों को दूध से भरे थाल या थाली में रखकर अपने हाथों से उनके पैर धोने चाहिए और पैर छूकर आशीर्वाद लेना चाहिए। उसके बाद माथे पर अक्षत, फूल और कुंकुम लगाना चाहिए।

- इसके बाद मां भगवती का ध्यान करके इन देवी रूपी कन्याओं को इच्छा अनुसार भोजन कराएं। भोजन के बाद कन्याओं को अपने सामर्थ्‍य के अनुसार दक्षिणा या उपहार दें और उनके फिर से पैर छूकर आशीर्वाद लें।

किस दिन करें कन्या पूजन?

अब आपको ये भी बता देते हैं कि कन्या पूजन किस दिन करना ज्यादा सही माना जाता है। वैसे तो कई लोग सप्‍तमी से कन्‍या पूजन शुरू कर देते हैं लेकिन जो लोग पूरे नौ दिन का व्रत करते हैं उन्हें तिथि के अनुसार नवमी और दशमी को कन्‍या पूजन करने के बाद ही प्रसाद ग्रहण करके व्रत खोलना चाहिए। शास्‍त्रों के अनुसार कन्‍या पूजन के लिए दुर्गाष्‍टमी के दिन को सबसे ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण और शुभ माना गया है। इस दिन कन्या पूजन करने से परिवार के दुखों का निवारण होता है और घर पर मां दुर्गा की कृपा बरसती है।

English summary :
Navratri special kanya puja vidhi: The holy festival of Navratri is going on and as everyone knows that on every Navratri, kanya Pooja starts on the seventh day. During this time, nine girls are called to their home and they are also served as well.


Web Title: Navratri special kanya puja vidhi in navratri kanya puja kanjak puja kanjak puja importance in navratri

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