नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी के लिए पहनें हरा रंग, इस मंत्र के जप से करें प्रसन्न
By गुलनीत कौर | Published: October 10, 2018 05:09 PM2018-10-10T17:09:19+5:302018-10-10T17:09:19+5:30
देवी ब्रह्मचारिणी का व्रत करने से साधक की इच्छाशक्ति बढ़ती है।
10 अक्टूबर 2018 से शारदीय नवरात्रि प्रारंभ हुए हैं, जो कि 18 अक्टूबर तक चलने वाले हैं। 19 अक्टूबर को विजयदशमी है। नवरात्रि में नवदुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है जिसमें दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। देवी के इस रूप को 'तपश्चारिणी' के नाम से भी जाना जाता है।
देवी ब्रह्मचारिणी व्रत कथा
पुराणों में दर्ज एक कथा के मुताबिक मां ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए तपस्या की थी। देवी ने करीब तीन हजार वर्षों तक केवल बिल्व पत्र, फल-फूल ग्रहण किया और किसी भी प्रकार के अनाज को हाथ नहीं लगाया।
उनकी इसी तपस्या से प्रसन्न होकर देवताओं ने उन्हें आशीर्वाद दिया। देवता उनके समक्ष प्रकट हुए और कहा कि ' देवी, तुमने घोर तपस्या कर हमें चकित कर दिया है, इतनी कठोर तपस्या आप ही कर सकती थीं। आपकी तपस्या पूर्ण हुई, अब घर जाएं। आपकी तपस्या के फल के रूप में भगवान चंद्रमौलि (शिवजी) तुम्हें वर रूप में प्राप्त होंगे।'
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देवी ब्रह्मचारिणी का व्रत करने के लाभ
- साधक की इच्छाशक्ति बढ़ती है
- अन्दर से आत्मविश्वास आता है
- संघर्ष करने की क्षमता में वृद्धि होती है
- आचार-विचार में संयम की वृद्धि होती है
- जीवन में सफलता के मार्ग खुलते हैं
देवी से जुड़ा रंग एवं मंत्र
नवरात्रि के दूसरे दिन हरे रंग के वस्त्र धारण करें, आदि शक्ति, मां दुर्गा या भगवती की मूर्ति या तस्वीर के सामने बैठकर निम्नलिखित मंत्र का 108 बार जप कर उनकी अराधना करें:
दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥