Maa Shailputri Pooja: 17 अक्टूबर, 2020 यानी आज से शारदीय नवरात्रि शुरू हो चुकी है। नवरात्रि के साथ हिन्दुओं के त्योहरों की शुरुआत हो जाती है। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। प्रत्येक देवी की कहानी विशेष है। यह कहानियां मनुष्य को जीवन की कठिनाईयों से निरंतर लड़ते रहने की प्रेरणा देती हैं। भक्त माता की पूजा करते हैं और नौ दिनों का कठिन व्रत रखते हैं। यह सकारात्मकता और समर्पण का त्योहार है। नवरात्रि के पहले मां शैलपुत्री की पूजा होती है।
मां शैलपुत्री की पौराणिक कथा
नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। इनका वाहन वृषभ (बैल) है। शैल शब्द का अर्थ होता है पर्वत। शैलपुत्री को हिमालय पर्वत की बेटी कहा जाता है। इसके पीछे की कथा यह है कि एक बार प्रजापति दक्ष (सती के पिता) ने यज्ञ किया और सभी देवताओं को आमंत्रित किया। दक्ष ने भगवान शिव और सती को निमंत्रण नहीं भेजा। ऐसे में सती ने यज्ञ में जाने की बात कही तो भगवान शिव ने उन्हें समझाया कि बिना निमंत्रण जाना ठीक नहीं, लेकिन जब वह नहीं मानीं तो शिव ने उन्हें इजाजत दे दी।
जब सती पिता के यहां पहुंची तो उन्हें बिन बुलाए मेहमान वाला व्यवहार झेलना पड़ा। उनकी माता के अतिरिक्त किसी ने उनसे प्यार से बात नहीं की। उनकी बहनें उनका उपहास उड़ाती रहीं। इस तरह का कठोर व्यवहार और अपने पति का अपमान सुनकर वे क्रुद्ध हो गयीं। क्षोभ, ग्लानि और क्रोध में उन्होंने खुद को यज्ञ अग्नि में भस्म कर लिया। यह समाचार सुन भगवान शिव ने अपने गणों को भेजकर दक्ष का यज्ञ पूरी तरह से विध्वंस करा दिया। अगले जन्म में सती ने हिमालय की पुत्री के रूप में जन्म लिया। इसीलिए इन्हें शैलपुत्री कहा जाता है।
मां शैलपुत्री के मंत्र
1. ऊँ शं शैलपुत्री देव्यै: नम:2. वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्। वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥3. वन्दे वांछित लाभाय चन्द्राद्र्वकृतशेखराम्। वृषारूढ़ा शूलधरां यशस्विनीम्॥4. या देवी सर्वभूतेषु माँ शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
जानें माता शैलपुत्री की पूजा करने के लिए शुभ समय
1. अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 41 मिनट से 12 बजकर 27 मिनट तक।
2. दिवस मुहूर्त दोपहर 12 बजे से 4 बजकर 30 मिनट तक।
3. सायंकालीन मुहूर्त शाम 6:00 बजे से 7 बजकर 30 मिनट तक।
4. रात्रिकालीन मुहूर्त रात्रि 9:00 बजे से 12 बजकर 04 मिनट तक।