नवरात्रि 2020: पावन पर्व नवरात्रि की शुरुआत 17 अक्टूबर दिन शनिवार से हो चुकी है। आज नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जा रही है। नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि पर घरों और मंदिरो में कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है। कन्या पूजन के बिना नवरात्रि को अधूरा माना जाता है। इस बार नवरात्रि पूरे नौ दिन की होगी। आपको बता दें कि इस बार नवरात्रि में अष्टमी, नवमी और दशमी तिथि को लेकर कुछ संशय चल रहा है। आइये आपके सभी संशय दूर।करते हैं इस सटीक जानकारी के साथ
हिन्दू पंचांग के अनुसार सप्तमी तिथि 23 अक्टूबर दिन शुक्रवार को है। वहीं अष्टमी तिथि भी 23 अक्टूकर की सुबह 06 बजकर 57 मिनट पर शुरू होगी, जो कि बुधवार 24 अक्टूबर की सुबह 6 बजकर 58 मिनट तक रहेगी। उसके बाद नवमी तिथि लग जाएगी, नवमी तिथि 24 अक्टूबर की सुबह 6 बजकर 58 मिनट से शुरू होकर 25 अक्टूबर की सुबह 7 बजकर 41 मिनट तक रहेगी।
इसके बाद दशमी तिथि लग जाएगी। दशमी तिथि प्रारंभ 25 अक्टूबर की सुबह 7 बजकर 41 मिनट पर होगी, जो 26 अक्टूबर के दिन सुबह 9 बजे समाप्त हो जाएगी। दशमी तिथि 25 अक्टूबर की सुबह लग जाने के कारण विजय दशमी पर्व इसी दिन मनाया जाएगा।
अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन का है विशेष महत्व
नवरात्रि में अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है। नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथियों पर मां महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। इन तिथियों पर कन्याओं को घरों में बुलाकर भोजन कराया जाता है। नवरात्रि में नौ कन्याओं को भोजन करवाना चाहिए क्योंकि नौं कन्याओं को देवी दुर्गा के नौं स्वरुपों का प्रतीक माना जाता है। कन्याओं के साथ एक बालक को भी भोजन करवाना आवश्यक होता है क्योंकि उन्हें बटुक भैरव का प्रतीक माना जाता है। मां के साथ भैरव की पूजा आवश्यक मानी गई है। 2 वर्ष से लेकर 10 वर्ष की आयु तक की कन्याओं का कंजक पूजन किया जाता है।
किस दिन कौन सी देवी की होगी पूजा
18 अक्टूबर- मां ब्रह्मचारिणी पूजा
19 अक्टूबर- मां चंद्रघंटा पूजा
20 अक्टूबर- मां कुष्मांडा पूजा
21 अक्टूबर- मां स्कंदमाता पूजा
22 अक्टूबर- षष्ठी मां कात्यायनी पूजा
23 अक्टूबर- मां कालरात्रि पूजा
24 अक्टूबर- मां महागौरी दुर्गा पूजा
25 अक्टूबर- मां सिद्धिदात्री पूजा