लाइव न्यूज़ :

Navratri 2020 5th Day: नवरात्रि के पांचवें दिन होती है स्कंदमाता की पूजा, जानें पूजा विधि, मंत्र और महत्व

By गुणातीत ओझा | Updated: October 21, 2020 10:03 IST

आज नवरात्रि का पांचवां दिन है। इस दिन स्कंदमाता की पूजा का दिन होता है। इनकी उपासना कर भक्त मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं। मां अपने भक्तों की समस्त इच्छाओं की पूर्ति करती हैं।

Open in App
ठळक मुद्देआज नवरात्रि का पांचवां दिन है। इस दिन स्कंदमाता की पूजा का दिन होता है।इनकी उपासना कर भक्त मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं। मां अपने भक्तों की समस्त इच्छाओं की पूर्ति करती हैं।

Shardiya Navratri 2020 5th Day: आज नवरात्रि का पांचवां दिन है। इस दिन स्कंदमाता की पूजा का दिन होता है। इनकी उपासना कर भक्त मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं। मां अपने भक्तों की समस्त इच्छाओं की पूर्ति करती हैं। स्कंदमाता की चार भुजाएं हैं, इनके दाहिनी तरफ की नीचे वाली भुजा, जो ऊपर की ओर उठी हुई है, उसमें कमल पुष्प है। बाईं तरफ की ऊपर वाली भुजा में वरमुद्रा में तथा नीचे वाली भुजा जो ऊपर की ओर उठी है उसमें भी कमल पुष्प धारण किए हुए हैं। इनका वर्ण पूर्णतः शुभ्र है। स्कंदमाता कमल के आसन पर विराजमान रहती हैं। इसी कारण इन्हें पद्मासना देवी भी कहा जाता है। सिंह भी इनका वाहन है। 

स्कंदमाता की पूजा विधि

नवरात्रि के पांचवे दिन स्नान आदि से निवृत हो जाएं और फिर स्कंदमाता का स्मरण करें। व्रत, पूजन का संकल्प लें। सप्तशती मंत्रों द्वारा स्कंदमाता सहित समस्त देवी-देवताओं की पूजा करें। अब माता की प्रतिमा या मूर्ति पर अर्घ्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, सौभाग्य सूत्र, चंदन, रोली, हल्दी, सिंदूर, दुर्वा, बिल्वपत्र, आभूषण, पुष्प-हार और भोग अर्पित करें। स्कंदमाता की पूजा के दौरान सप्तशती का पाठ करना भी शुभ माना जाता है। इसके पश्चात स्कंदमाता को अक्षत्, धूप, गंध, पुष्प अर्पित करें। उनको बताशा, पान, सुपारी, लौंग का जोड़ा, किसमिस, कमलगट्टा, कपूर, गूगल, इलायची आदि भी चढ़ाएं। फिर स्कंदमाता की आरती करें। स्कंदमाता की पूजा करने से भगवान कार्तिकेय भी प्रसन्न होते हैं।

स्कंदमाता के मंत्र

1. या देवी सर्वभू‍तेषु मां स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता.

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

2. या देवी सर्वभू‍तेषु मां स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता.

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

3. महाबले महोत्साहे. महाभय विनाशिनी.

त्राहिमाम स्कन्दमाते. शत्रुनाम भयवर्धिनि..

4. ओम देवी स्कन्दमातायै नमः॥

ध्यान

वन्दे वांछित कामार्थे चन्द्रार्धकृतशेखराम्।

सिंहरूढ़ा चतुर्भुजा स्कन्दमाता यशस्वनीम्।।

धवलवर्णा विशुध्द चक्रस्थितों पंचम दुर्गा त्रिनेत्रम्।

अभय पद्म युग्म करां दक्षिण उरू पुत्रधराम् भजेम्॥

पटाम्बर परिधानां मृदुहास्या नानांलकार भूषिताम्।

मंजीर, हार, केयूर, किंकिणि रत्नकुण्डल धारिणीम्॥

प्रफुल्ल वंदना पल्ल्वांधरा कांत कपोला पीन पयोधराम्।

कमनीया लावण्या चारू त्रिवली नितम्बनीम्॥

स्तोत्र पाठ

नमामि स्कन्दमाता स्कन्दधारिणीम्।

समग्रतत्वसागररमपारपार गहराम्॥

शिवाप्रभा समुज्वलां स्फुच्छशागशेखराम्।

ललाटरत्नभास्करां जगत्प्रीन्तिभास्कराम्॥

महेन्द्रकश्यपार्चिता सनंतकुमाररसस्तुताम्।

सुरासुरेन्द्रवन्दिता यथार्थनिर्मलादभुताम्॥

अतर्क्यरोचिरूविजां विकार दोषवर्जिताम्।

मुमुक्षुभिर्विचिन्तता विशेषतत्वमुचिताम्॥

नानालंकार भूषितां मृगेन्द्रवाहनाग्रजाम्।

सुशुध्दतत्वतोषणां त्रिवेन्दमारभुषताम्॥

सुधार्मिकौपकारिणी सुरेन्द्रकौरिघातिनीम्।

शुभां पुष्पमालिनी सुकर्णकल्पशाखिनीम्॥

तमोन्धकारयामिनी शिवस्वभाव कामिनीम्।

सहस्त्र्सूर्यराजिका धनज्ज्योगकारिकाम्॥

सुशुध्द काल कन्दला सुभडवृन्दमजुल्लाम्।

प्रजायिनी प्रजावति नमामि मातरं सतीम्॥

स्वकर्मकारिणी गति हरिप्रयाच पार्वतीम्।

अनन्तशक्ति कान्तिदां यशोअर्थभुक्तिमुक्तिदाम्॥

पुनःपुनर्जगद्वितां नमाम्यहं सुरार्चिताम्।

जयेश्वरि त्रिलोचने प्रसीद देवीपाहिमाम्॥

कवच

ऐं बीजालिंका देवी पदयुग्मघरापरा।

हृदयं पातु सा देवी कार्तिकेययुता॥

श्री हीं हुं देवी पर्वस्या पातु सर्वदा।

सर्वांग में सदा पातु स्कन्धमाता पुत्रप्रदा॥

वाणंवपणमृते हुं फ्ट बीज समन्विता।

उत्तरस्या तथाग्नेव वारुणे नैॠतेअवतु॥

इन्द्राणां भैरवी चैवासितांगी च संहारिणी।

सर्वदा पातु मां देवी चान्यान्यासु हि दिक्षु वै॥

स्‍कंदमाता की आरती

जय तेरी हो अस्कंध माता

पांचवा नाम तुम्हारा आता

सब के मन की जानन हारी

जग जननी सब की महतारी

तेरी ज्योत जलाता रहू मै

हरदम तुम्हे ध्याता रहू मै

कई नामो से तुझे पुकारा

मुझे एक है तेरा सहारा

कही पहाड़ो पर है डेरा

कई शेहरो मै तेरा बसेरा

हर मंदिर मै तेरे नजारे

गुण गाये तेरे भगत प्यारे

भगति अपनी मुझे दिला दो

शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो

इन्दर आदी देवता मिल सारे

करे पुकार तुम्हारे द्वारे

दुष्ट दत्य जब चढ़ कर आये

तुम ही खंडा हाथ उठाये

दासो को सदा बचाने आई

'भक्त' की आस पुजाने आई

टॅग्स :नवरात्रिनवरात्री महत्वमां दुर्गा
Open in App

संबंधित खबरें

भारतVIDEO: गोरखनाथ मंदिर में CM योगी ने कन्या पूजन किया, देखें वायरल वीडियो

बॉलीवुड चुस्कीVIDEO: शिल्पा शेट्टी ने पति राज कुंद्रा के साथ कन्या पूजन किया, देखें वीडियो

पूजा पाठनवरात्रि: उपनिषद में वर्णित है देवी का ब्रह्मरूप, ‘प्रज्ञान  ब्रह्मं’ ‘अहम् ब्रह्मास्मि’ की गूंज

पूजा पाठShardiya Navratri 2025: नवरात्रि के बाद कलश, चावल और नारियल का ऐसे करें इस्तेमाल, जानें क्या है नियम

पूजा पाठShardiya Navratri 2025: नवरात्रि में कब करना चाहिए कन्या पूजन, क्या कहता है शास्त्र विधान

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठसभ्यता-संस्कृति का संगम काशी तमिल संगमम

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 06 December 2025: आज आर्थिक पक्ष मजबूत, धन कमाने के खुलेंगे नए रास्ते, पढ़ें दैनिक राशिफल

पूजा पाठPanchang 06 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय