मदर्स डे विशेष: जब श्रीराम जा रहे थे वनवास, माता कौशल्या ने कही थी ये बात-दिया आदर्श मां का उदाहरण
By मेघना वर्मा | Published: May 8, 2020 12:38 PM2020-05-08T12:38:34+5:302020-05-08T12:38:34+5:30
श्रीरामचरितमानस के अनुसार, जिस समय श्रीराम वनवास जाने की खबर माता कौशल्या को बताई और उनसे जाने की आज्ञा मांगी तो कौशल्या दुखी हो गईं।
कहते हैं मां सबसे पहली गुरू होती है। घर में सबसे पहले माता ही शिशु को ज्ञान और संस्कार की बातें बताती है। पुराणों में ही माता की महानता के कई सारे प्रसंग मिलते हैं। माता की महानता का गुणगान जितना किया जाए उतना कम। मां की इसी महानता को मनाने और जताने के लिए हर साल मदर्स डे मनाया जाता है।
इस साल मदर्स डे 10 मई को मनाया जाएगा। मई महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है। इस दिन लोग अपनी मां को स्पेशल फील कराते हैं उन्हें मातृदिवस की बधाई देते हैं। पौराणिक कहानियों में आज हम आपको रामायण की ऐसी ही कथा सुनाने जा रहे हैं जिसमें प्रभु श्री राम को कौशल्या ने कुछ बातें बताई थीं।
आइए आपको बताते हैं यही पौराणिक कथा-
श्रीरामचरितमानस के अनुसार, जिस समय श्रीराम वनवास जाने की खबर माता कौशल्या को बताई और उनसे जाने की आज्ञा मांगी तो कौशल्या दुखी हो गईं। बाद में उन्होंने धर्म और अधर्म पर विचार किया। इसके बाद उन्होंने सोचा कि अगर वो हठ करके राम को वनवास जाने के लिए मना करती हैं तो ये उनके भाईयों के विरोध होता है और अगर जाने की आज्ञा देती हैं तो बड़ी हानि होती हैं। इसके बाद फिर कौशल्या पतिव्रत धर्म को को समझकर राम तथा भरत को समान जानकर कहा था-
सरल सौभाउ राम महतारी। बोली बचन धीर धरि भारी।।
तात जाऊं बलि कीन्हेहु नीका। पितु आयसु सब धरमक टीका।।
इसका अर्थ है। सरल स्वभाव वाली श्रीरामचंद्रजी की माता बड़ा धीरज धरकर बोलीं- मैं बलिहारी जाती हूं, तुमने अच्छा किया। पिता की आज्ञा का पालन करना ही सब धर्मों का शिरोमणि धर्म है।
कौन थीं कौशल्या
रामायण में कौशल्या एक प्रमुख पात्र हैं। ग्रंथों के अनुसार वे कौशल प्रदेश की राजकुमारी थीं। गुणभद्रकृत 'उत्तर-पुराण' में कौशल्या की माता का नाम सुबाला था। आनन्द रामायण में दशरथ एवं कौशल्या के विवाह का वर्णन विस्तार से हुआ है।