लाइव न्यूज़ :

Mauni Amavasya: मौनी अमावस्या पर स्नान और दान का शुभ मुहूर्त क्या है, क्यों इस व्रत पर रहते हैं मौन, जानिए

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 23, 2020 12:54 IST

Mauni Amavasya 2020: मौनी अमावस्या में मौन रहने का विशेष फल मिलता है। ऐसा कहा जाता है कि इस मौके पर मौन व्रत करने से विशेष तरह की उर्जा मिलती है।

Open in App
ठळक मुद्देमौनी अमावस्या 24 जनवरी को है, इस मौके पर स्नान और दान का है महत्वमौनी अमावस्या को दर्श अमावस्या भी कहा जाता है, इस दिन मौन रहने की भी परंपरा

Mauni Amavasya: पवित्र माह में से एक माघ महीने का हिंदू धर्म में बड़ा महत्व है। खासकर माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को लेकर कई तरह की मान्यताएं हैं। इसलिए इसका महत्व काफी बढ़ जाता है। ऐसी मान्यता है कि इसी दिन से द्वापर युग की शुरुआत हुई थी। साथ ही ऐसा भी कहा जाता है कि मौनी अमावस्या पर देवता अदृश्य रूप में या रूप बदलकर धरती पर आते हैं और संगम में स्नान करते हैं। मौनी अमावस्या को दर्श अमावस्या भी कहा जाता है।

इस तिथि को मौनी अमावस्या इसलिए भी कहा गया है क्योंकि इस व्रत को करने वाले को पूरे दिन मौन व्रत का पालन करना होता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान के साथ-साथ दान का भी काफी महत्व है। आईए जानते हैं मौनी अमावस्या पर स्नान और दान का शुभ मुहूर्त क्या है?

Mauni Amavasya: मौनी अमावस्या पर स्नान और दान का शुभ मुहूर्त

माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि की शुरुआत 23 जनवरी की देर रात 2.17 बजे (24 जनवरी) शुरू हो रही है। वहीं, इसका समापन 25 जनवरी को तड़के 3.11 बजे होगा। वैसे तो पूरा दिन शुभ है लेकिन चूकी अमावस्या तिथि ब्रह्म मुहूर्त के ठीक पहले शुरू हो रही है।

इसलिए ब्रह्म मुहूर्त में स्नान सबसे शुभ रहेगा। स्नान के ठीक बाद दान जरूर करें। खासकर तिल, तिल के लड्डू, आंवला, गर्म कपड़े, दूध देने वाली गाय आदि का दान विशेष फलदायक होता है। इस दिन व्रत रखने की भी परंपरा है।

Mauni Amavasya: मौनी अमावस्या पर क्यों रहते हैं मौन

मौनी अमावस्या में मौन रहने का विशेष फल मिलता है। ऐसा कहा जाता है कि इस मौके पर मौन व्रत करने से विशेष तरह की उर्जा मिलती है। साथ ही शारीरिक और मानसिक कष्ट दूर हो जाते हैं। शास्त्रों में भी लिखा है कि होठों से ईश्वर का जाप करने से जितना पुण्य मिलता है उससे कई गुणा अधिक पुण्य मौन रहकर जाप करने से मिलता है। 

ऐसा भी कहा गया है कि अगर दान से पहले सवा दो घंटे तक मौन रखा जाए तो दान का फल 16 गुना अधिक मिलता है। यही नहीं, मौन व्रत धारण कर व्रत का समापन करने वाले को मुनि पद की प्राप्ति होती है। मान्यताओं के अनुसार मौनी अमावस्या के ही दिन मनु ऋषि का भी जन्म हुआ था।

शास्त्रों में बताया गया है कि मौनी अमावस्या के दिन व्रत करने से पुत्री और दामाद की आयु बढ़ती है। इस दिन किसी के लिए अशुभ नहीं बोलना या सोचना चाहिए। साथ ही किसी पर क्रोध पर नहीं करना चाहिए।

टॅग्स :मौनी अमावस्याशनि देवमाघ मेला
Open in App

संबंधित खबरें

पूजा पाठशनि का मीन राशि में गोचर 29 मार्च 2025: जानें अपनी राशि पर इसका प्रभाव

पूजा पाठMagh Purnima 2025: माघ पूर्णिमा आज, जानें इस पावन तिथि का शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा-अनुष्ठान

भारतत्रासदी के बीच सद्भाव की अनूठी मिसाल

पूजा पाठMagh Purnima 2025: माघ पूर्णिमा कब है? जानिए तिथि एवं स्नान, दान का शुभ मुहूर्त

ज़रा हटकेVIDEO: 92 वर्षीय मां को ठेले में बैठाकर महाकुंभ ले जाता 65 साल का बेटा, देखें वायरल वीडियो

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठसभ्यता-संस्कृति का संगम काशी तमिल संगमम

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 06 December 2025: आज आर्थिक पक्ष मजबूत, धन कमाने के खुलेंगे नए रास्ते, पढ़ें दैनिक राशिफल

पूजा पाठPanchang 06 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय