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Magh Purnima 2020: माघ पूर्णिमा कब है? क्या है इस दिन स्नान और दान का शुभ मुहूर्त, जानिए

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 4, 2020 09:59 IST

Magh Purnima 2020: माघ पूर्णिमा माघ माह का आखिरी दिन होता है और इसलिए इसका महत्व विशेष है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए और जरूरतमंदों को दान दें।

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ठळक मुद्देMagh Purnima 2020: माघ पूर्णिमा का हिंदू धर्म में बड़ा महत्व, स्नान और दान की है महत्ताइस बार 9 फरवरी को माघ पूर्णिमा, इस दिन कल्पवास भी होगा खत्म

Magh Purnima 2020: सावन और कार्तिक की तरह हिंदू कैलेंडर में माघ मास को भी बहुत पवित्र महीना माना गया है। यह पूरा महीना भगवान की उपासना और दान के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है। इस माह में पवित्र नदियों में स्नान का भी विशेष फल मिलता है। माघ माह की अमावस्या और पूर्णिमा तिथि सबसे खास मानी गई है। अमावस्या को मौनी अमावस्या और पूर्णिमा को माघ पूर्णिमा भी कहा जाता है। मान्यता है कि दोनों ही मौकों पर देवता घरती पर पवित्र नदी गंगा में स्नान के लिए आते हैं।

Magh Purnima 2020: माघ पूर्णिमा कब है?

इस बार माघ पूर्णिमा 9 फरवरी (रविवार) को है। दरअसल, पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 8 फरवरी को ही शाम 4.01 बजे से हो रही है। इसका समापन 9 फरवरी को दोपहर 1.02 बजे हो रहा है। इसलिए सूर्योदय के लिहाज से माघ पूर्णिमा का व्रत 9 फरवरी को ही किया जाएगा।

यह माघ माह का आखिरी दिन होगा। इस दिन एक माह का कल्पवास भी पूर्ण होता है जो पौष पूर्णिमा से शुरू होता है। ऐसे में प्रयागराज में श्रद्धालु सबसे बड़ी संख्या में नदियों के किनारे जुटते हैं और संगम में स्नान करते हैं।

मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान और फिर दान से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और व्यक्ति को मोक्ष मिलता है। शुभ मुहूर्त की बात करें तो इस बार माघ पूर्णिमा के मौके पर दिन में एक बजे से पहले स्नान और दान जरूर करें। 

Magh Purnima 2020: स्नान और दान का महत्व और व्रत विधि

माघ पूर्णिमा पर स्नान, दान, हवन, व्रत और भगवान विष्णु के जप का बहुत महत्व है। इस दिन स्नान के बाद भगवान विष्णु की पूजा करें गरीब व्यक्तियों को दान दें। इसमें तिल सहित गर्म कपड़े, अन्न आदि जरूर शामिल करें। 

माघ पूर्णिमा के दिन सूर्योदय से पहले जगें और किसी पवित्र नदी में स्नान करें। स्नान करने के बाद सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य को अर्घ्य दें। इसके बाद व्रत का संकल्प लेते हुए भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। साथ ही गरीब व्यक्तियों और ब्राह्मणों को भोजन कराएं और उन्हें दान दें। माघ पूर्णिमा के मौके पर संत रविदास की भी जयंती मनाई जाती है।

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