आज शाम इस विधि से करें मां लक्ष्मी की पूजा, बरसेगी कृपा.. हो जाएंगे धनवान
By गुणातीत ओझा | Published: June 12, 2020 05:38 PM2020-06-12T17:38:26+5:302020-06-12T17:38:26+5:30
शास्त्रों के मुताबिक शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी का होता है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से आपके धन प्राप्ती के अवसर प्रगाढ़ हो जाते हैं। जानिये पूजा की विधि और मां लक्ष्मी की आरती..
मां लक्ष्मी सबपर मेहरबान नहीं होतीं। उन्हें खुश करने के लिए कठिन साधना करनी पड़ती है। शास्त्रों के मुताबिक शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी का होता है। शुक्रवार की शाम को मां लक्ष्मी की पूजा करने वालों पर मां कृपा बरसातीं हैं। मान्यता है कि शुक्रवार को विधि-विधान से मां लक्ष्मी की पूजा करने से देवी प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों पर धन की वर्षा करती हैं। शुक्रवार को मां लक्ष्मी की पूजा करने से घर में शांति बनी रहती है और हर मनोकामना पूरी होती है। आइये आपको बताते हैं मां लक्ष्मी को खुश करने के लिए शुक्रवार को किस विधि से पूजा करनी चाहिए...
पूजा करने की विधि
घर में ऐसी तस्वीर लगाएं जिसमें मां लक्ष्मी के हाथों से धन गिर रहा हो। अगर आपके हाथों में पैसा नहीं रुकता और बहुत ज्यादा खर्च होता है तो ऐसी तस्वीर लगाएं जिसमें मां लक्ष्मी खड़ी हों और उनके हाथों से धन गिर रहा हो।
मां की तस्वीर के सामने दीया जलाएं। मां के लिए हमेशा घी का दीया ही जलाएं।
मां लक्ष्मी को इत्र चढ़ाएं और उसी इत्र का नियमित इस्तेमाल करें।
अगर बेवजह धन ज्यादा खर्च हो रहा है तो मां के चरणों में हर दिन एक रुपये का सिक्का अर्पित करें और उसे जमा कर महीने के अंत में किसी धनी स्त्री को दे दें।
मां लक्ष्मी की आरती
अगर आप मां लक्ष्मी की हर दिन विधिवत पूजन नहीं कर पा रहे हैं तो हर शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की आरती का पाठ जरूर करें। ऐसा करने से आपके सारे पाप नाश हो जाएंगे और मां की कृपा प्राप्त होगी। जातक इस बात का ध्यान रखें कि मां लक्ष्मी की आरती का उच्चारण गलत न हो क्योंकि गलत उच्चारण के साथ आरती गाने से फल प्राप्त नहीं होता।
आरती
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
तुम को निश दिन सेवत, हर विष्णु विधाता….
ॐ जय लक्ष्मी माता…।।
उमा रमा ब्रह्माणी, तुम ही जग माता
सूर्य चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता
ॐ जय लक्ष्मी माता…।।
दुर्गा रूप निरंजनि, सुख सम्पति दाता
जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि सिद्धि धन पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता…।।
तुम पाताल निवासिनी, तुम ही शुभ दाता
कर्म प्रभाव प्रकाशिनी, भव निधि की त्राता
ॐ जय लक्ष्मी माता…।।
जिस घर तुम रहती सब सद्गुण आता
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता
ॐ जय लक्ष्मी माता…।।
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता
खान पान का वैभव, सब तुमसे आता
ॐ जय लक्ष्मी माता…।।
शुभ गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि जाता
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता…।।
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई नर गाता
उर आनंद समाता, पाप उतर जाता
ॐ जय लक्ष्मी माता…।।
(इस लेख में दी गई जानकारियां मान्यताओं पर आधारित हैं। हम इसकी पुष्टि नहीं करते)