आज नवरात्रि का दूसरे दिन है और आज के दिन मां ब्रह्मचारिणी की उपासना की जाती है। जो भी व्यक्ति मां की उपासना करता है उसे अपने जीवन में अनंत फल की प्राप्ति होती है। मां का स्मरण करने से तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार और संयम में वृद्धि होती है। मां की कृपा जिस भी भक्त पर बरसती है उसकी समस्त मुश्किलों का अंत हो जाता है। मां ब्रह्मचारिणी को बुद्धि और ज्ञान की देवी भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रों के दौरान सच्चे दिल से की गई पूजा कभी व्यर्थ नहीं जाती है।
ब्रह्मचारिणी का मतलबमां ब्रह्मचारिणी के नाम ब्रह्म का मतलब होता है तपस्या और चारिणी मतलब होता है आचरण करना। मां की उपासना अनंत फल प्रदान करने वाली है। मां का स्मरण करने से तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार और संयम में वृद्धि होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो साधक विधि विधान से देवी के इस स्वरुप की पूजा अर्चना करता है उसकी कुंडलिनी शक्ति जाग्रत हो जाती है। यहां हम आपको कुछ ऐसे उपाय बताने जा रहे हैं जिन्हें करने से मां अपने भक्तों पर अपनी कृपा बरसाती हैं।
मां ब्रह्मचारिणी व्रत की पूजा विधि- मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने के लिए सबसे पहले नहा-धोकर साफ-सुथरे कपड़े पहन लें।- इसके बाद ब्रह्मचारिणी की पूजा के लिए उनका चित्र या मूर्ति पूजा के स्थान पर स्थापित करें।- उस पर फूल चढ़ाएं दीपक जलाएं और नैवेद्य अर्पण करें।- इसके बाद मां दुर्गा की कहानी पढ़ें और नीचे लिखे इस मंत्र का 108 बार जप करें।
इस विधि से मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से कई कष्ट दूर हो जाते हैं और मनुष्य की उम्र लंबी होती है। अगर आपकी कुंडली में बुरे ग्रह स्थित हैं तो उनकी स्थिति सुधर जाती है। सारे दोष मिट जाते हैं और अंत में मनुष्य सारे सुख भोगकर स्वर्ग को प्राप्त होता है। मां ब्रह्मचारिणी मंत्रदधानां करपद्याभ्यामक्षमालाकमण्डल।देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्माचारिण्यनुत्तमा।
मां ब्रह्मचारिणी को पसंद है ये भोगदेवी मां ब्रह्मचारिणी को गुड़हल और कमल का फूल बेहद पसंद है और इसलिए इनकी पूजा के दौरान इन्हीं फूलों को देवी मां के चरणों में अर्पित करें। चूंकि मां को चीनी और मिश्री काफी पसंद है इसलिए मां को भोग में चीनी, मिश्री और पंचामृत का भोग लगाएं। मां ब्रह्मचारिणी को दूध और दूध से बने व्यंजन अति प्रिय होते हैं। इसलिए आप उन्हें दूध से बने व्यंजनों का भोग लगा सकते हैं। इस भोग से देवी ब्रह्मचारिणी प्रसन्न हो जाएंगी।