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संतान सुख से वंचित दंपत्ति करे इन दो कृष्ण मंत्रों का जाप, होगी लड्डू गोपाल जैसी प्यारी संतान

By गुलनीत कौर | Updated: May 19, 2019 12:22 IST

हिन्दू मान्यताओं के अनुसार कृष्ण के गोपाल रूप की पूजा करने से कृष्ण जैसी ही प्यारी और सुंदर संतान मिलती है। इस कामना को पूर्ण करने के लिए 21 दिनों की साधना (पूजा) की जाती है।

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हिन्दू धर्म पूर्ण रूप से आस्था और कर्म पर आधारित है। ऐसा मत है कि भगवान के प्रति आस्था रखते हुए कर्म करने वाले की मनोकामना अवश्य पूरी होती है। यदि आस्था की कमी हो तो भगवान भी जीवन में परीक्षाएं लेते हैं और संकट से बाहर आने में समय लगता है। हिन्दू शास्त्रों में हर परेशानी से बाहर आने के समाधान दर्ज हैं। रोग हो या धन का संकट या फिर परिवार में कलह की दिक्कत हो, हर उलझन को सुलझाने के लिए समाधान मौजूद है।

इन्हें शास्त्रीय उपाय कहा जाता है। ये सभी उपायों किसी ना किसी हिन्दू देवी या देवता से जुड़े होते हैं। इन देवताओं के प्रति सच्ची आस्था रखते हुए यदि ये उपाय किए जाएं तो मन की कामना अवश्य ही पूर्ण होती है। उदाहरण के लिए यदि शत्रु का भय हो तो हनुमान जी को प्रसन्न करने के उपाय किए जाते हैं। यदि धन का संकट हो तो मां लक्ष्मी को याद किया जाता है। रोग ने जीवन को जकड़ लिया हो तो भगवान विष्णु भक्त का बेड़ा पार लगाते हैं। भगवान शिव भी अपने भक्तों को हर संकट से दूर रखते हैं।

इसी तरह यदि कोई संतान के सुख से वंचित हो तो उसे भगवान विष्णु के 8वें मानवरूपी अवतार श्रीकृष्ण का ध्यान करना चाहिए। लेकिन इसके लिए कृष्ण के बाल रूप यानी नटखट गोपाल की पूजा करनी चाहिए। हिन्दू धर्म में ऐसी मान्यता है कि कृष्ण के गोपाल रूप की पूजा करने से कृष्ण जैसी ही प्यारी और सुंदर संतान मिलती है। इस कामना को पूर्ण करने के लिए 21 दिनों की साधना (पूजा) की जाती है। यह साधना स्त्री स्वयं घर पर ही कर सकती है। यदि 21 दिनों तक विधिवत यह साधना कर ली जाए तो संतान का सुख प्राप्त होता है।

संतान प्राप्ति के लिए श्रीकृष्ण की साधना:

भगवान कृष्ण का बाल रूप यानी 'कान्हा' अपने माता-पिता का आज्ञाकारी था। इसलिए हर कोई चाहता है कि उसे कृष्ण जैसी संतान प्राप्त हो जो अपने माता-पिता के सुख और रक्षा के लिए दुनिया भर से लड़ जाए। शास्त्रों में 21 दिन की साधना का उल्लेख मिलता है। यदि साधक चाहे तो यह साधना 45 दिन या इससे बढ़कर भी की जा सकती है। यह पूर्णतः श्रद्धा पर निर्भर करता है। मगर कम से कम 21 दिन लगातार कृष्ण के गोपाल रूप की पूजा करना अनिवार्य है।

ऐसे करें साधना

- साधना के लिए साधक सुबह जल्दी उठे। स्नान करने के बाद साफ वस्त्र पहनें और पूजा के लिए प्रसाद बनाए- प्रसाद में कृष्ण को प्रिय लड्डू बनाएं। ये लड्डू साधक के ही हाथ से बने होने चाहिए। बाजारी लड्डुओं का इस्तेमाल ना करें- केवल दो लड्डू बनाएं। यदि पहले दिन दो लड्डुओं का इस्तेमाल हुआ है तो हर दिन इसी संख्या में लड्डू बनाएं- लड्डू बनाने के बाद कृष्ण के बाल रूप की तस्वीर या मूर्ति के सामने आसन लगाकर बैठ जाएं। हाथ में तुलसी या रुद्राक्ष माला लें और निम्नलिखित में से किसी भी एक मंत्र का तीन माला जाप करें

सर्वधर्मान् परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज।अहं त्वा सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामी मा शुच।।

देवकीसुतं गोविन्दम् वासुदेव जगत्पते।देहि में तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः।।

- मंत्र जाप के बाद लड्डू गोपाल को प्रसाद का भोग लगाएं। यह प्रसाद सबसे पहले साधक खुद गरहन करे और फिर परिवार के सदस्यों में इसे बांटे- लगातार 21 दिनों तक इस साधना को करने से भगवान कृष्ण की कृपा होती है और संतान सुख की प्राप्ति के योग बनते हैं

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