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Kanya Pujan 2019: कन्या पूजन के लिए जरूरी हैं ये 10 सामान, पहले से कर लें तैयारी

By मेघना वर्मा | Updated: October 5, 2019 10:59 IST

शास्त्रों के अनुसार अष्टमी का दिन कन्याओं के पूजन के लिए सबसे शुभ बताया जाता है। कन्या पूजन से हर तरह के विघ्न और वास्तु दोष का नाश होता है।

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ठळक मुद्देनवरात्रि के आठंवे या नौवें दिन भक्त दुर्गा का रूप मानकर कन्याओं की पूजा करते हैं।जो भक्त नौ दिनों का व्रत करते हैं वो कन्या पूजन के बाद व्रत का पारण करते हैं।

नवरात्रों में कन्या पूजन का सबसे ज्यादा महत्व होता है। महानवमी और महाअष्टमी के दिन भक्त कन्याओं का पूजन करते हैं। नवरात्रि में नौ दिन मां की उपासना करने के बाद लोग देवी स्वरूप छोटी कन्याओं को भोजन कराते हैं। माना जाता है कि मां दुर्गा होम और दान से उतनी प्रसन्न नहीं होती जितनी कन्याओं की सेवा से प्रसन्न होती हैं।

नवरात्रि के नौ दिनों के व्रत के बाद आठवें दिन कन्या पूजन का विधान है। जो भक्त मां के नौ दिन का व्रत करते हैं वो नवमी के दिन कन्या पूजन के बाद भी व्रत का पारण करते हैं। वैसे शास्त्रों के अनुसार अष्टमी का दिन कन्याओं के पूजन के लिए सबसे शुभ बताया जाता है। कन्या पूजन से हर तरह के विघ्न और वास्तु दोष का नाश होता है। कन्या पूजन करने के लिए भी कुछ विशेष सामग्री की जरूरत होती है।

इस साल अष्टमी की ये तिथी 6 अक्टूबर के सुबह 10 बजकर 54 मिनट तक होगा। वहीं इस साल 7 अक्टूबर को नवमी सुबह 12 बजकर 38 मिनट तक रहेगी। इसी के बीच भक्तों को कन्याओं का पूजन करना चाहिए।

इन सामग्रियों को कन्या पूजन से पहले कर लें एकत्रकन्या पूजन से पहले कुछ सामान को अपने पास जरूर रख लें। ताकि किसी भी तरह की भाग-दौड़ ना हो। साथ ही पूजा के दौरान आपसे कोई भी विधि छूट ना जाए। नीचे दी गई चीजों को आप जरूर कन्या पूजन से पहले अपने पास रख लें।1. साफ जल (जिसेस कन्याओं का पैर धुलाना है।)2. साफ कपड़ा (जिससे कन्याओं का पैर पोंछना है।)3. रोली (कन्याओं के माथे पर टीका काढ़ने के लिए)4. कलावा (हाथ में बांधने के लिए)5. चावल (अक्षत)6. फूल (आरती के बाद कन्याओं पर चढ़ाने के लिए)7. चुन्‍नी (कन्याओं को उढ़ाने के लिए)8. फल (कन्याओं को देने के लिए)9. मिठाई (कन्याओं के भोग के लिए)10. भोजन सामग्री

ऐसे करें कन्या पूजन

अष्टमी या नवमी के दिन सुबह सबसे पहले  स्नान करके भगवान गणेश और महागौरी की पूजा करें।कन्या पूजन के लिए दो साल से 10 साल तक की कन्याओं को और एक बालक को आमंत्रित करें।कन्या पूजन करने से पहले उस स्थान पर साफ-सफाई जरूर कर लें।जब कन्याएं घर में आएं तो उनके आते ही जयकारा लगाना चाहिए।इसके बाद सभी कन्याओं का पैर खुद अपने हाथों से धुलें और उन्हें सूखे कपड़े से पोछें।इसके बाद उनके माथे पर कुमकुम और अक्षत का टीका लगाएं।इसके बाद कन्याओं के हाथ में मौली या कलावा बाधें।एक थाली में घी का दीपक जलाएं और सभी कन्याओं की आरती उतारें।आरती करने के बाद सभी कन्याओं को भोग लगाएं और खाने में पूरी, चना और हलवा जरूर खिलाएं।भोजन के बात अपनी सामर्थ अनुसार उन्हें भेंट दें।आखिरी में कन्याओं का पैर छूकर उनसे आशीर्वाद जरूर लें और उन्हें विदा करें।

 

टॅग्स :नवरात्रिदुर्गा पूजादशहरा (विजयादशमी)हिंदू त्योहारत्योहारमां दुर्गा
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