Jyeshtha Purnima 2022: ज्येष्ठ पूर्णिमा कब है, जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
By रुस्तम राणा | Published: June 11, 2022 02:09 PM2022-06-11T14:09:19+5:302022-06-11T14:09:19+5:30
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान एवं दान करने की परंपरा है। इस दिन सत्यनारायण की कथा का पाठन करने से जीवन में खुशहाली आती है। कहा जाता है कि इस दिन पूर्णिमा की चांद की पूजा करने से चंद्र दोष खत्म हो जाता है।
Jyeshtha Purnima 2022 Date: हिन्दू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह ज्येष्ठ मास चल रहा है और इस महीने पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि को ज्येष्ठ पूर्णिमा कहा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र और दांपत्य जीवन में खुशहाली के लिए वट पूर्णिमा का व्रत रखती हैं। ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान एवं दान करने की परंपरा है। इस दिन सत्यनारायण की कथा का पाठन करने से जीवन में खुशहाली आती है। कहा जाता है कि इस दिन पूर्णिमा की चांद की पूजा करने से चंद्र दोष खत्म हो जाता है। इस बार ज्येष्ठ पूर्णिमा 14 जून मंगलवार को है।
ज्येष्ठ पूर्णिमा शुभ मुहूर्त
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ - 13 जून को रात 09 बजकर 02 मिनट से
पूर्णिमा तिथि समाप्त - 14 जून, मंगलवार को शाम 5 बजकर 21 मिनट पर
साध्य योग - सुबह 09 बजकर 40 मिनट तक (इसके बाद सिद्धि योग)
शुभ मुहूर्त - 11 बजकर 54 मिनट से दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक
चंद्रोदय का समय समय - शाम 7 बजकर 29 मिनट पर
ज्येष्ठ पूर्णिमा पूजन विधि
पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान से पहले व्रत का संकल्प लें। इस दिन सुबह जल्दी स्नान कर भगवान विष्णु का व्रत रखना चाहिए। सत्यनारायण कथा का पाठ करना चाहिए। रात में चंद्रमा को दूध और शहद मिलाकर अर्घ्य देना चाहिए। इससे भक्तों के सभी रोग और कष्ट दूर हो जाते हैं। इससे श्रद्धालुओं की सभी मनोकामना पूरी होती है और उन्हें जीवन में किसी चीज की कमी नहीं रहती है। अंत में ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा देना चाहिए।
ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत का महत्व
शास्त्रों के अनुसार ज्येष्ठ पूर्णिमा पर भगवान विष्णु को समर्पित करते हुए व्रत एवं पूजन करने का विधान है। पूर्णिमा के व्रत में पवित्र नदी में स्नान और दान का काफी महत्व होता है परन्तु यदि किसी कारण से पवित्र नदी में जा कर स्नान करना संभव न हो, तो नहाने के पानी में गंगा जल मिलाकर नहाने से भी गंगा स्नान का पुण्य मिलता है। ज्येष्ठ पूर्णिमा का स्थान सात विशेष पूर्णिमा में आता है। इस दिन भगवान विष्णु का व्रत करने से सभी कष्ट एवं संकट समाप्त होते हैं तथा सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।