आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा यानी 27 जुलाई 2018, दिन शुक्रवार को खग्रास चन्द्र ग्रहण अर्थात पूर्ण चन्द्र ग्रहण लगेगा। यह सदी का सबसे लंबा चन्द्र ग्रहण बताया जा रहा है। ग्रहण सम्पूर्ण भारत में दिखाई देगा और इसका प्रभाव भी पूर्ण रूप से होगा।
ज्योतिर्विद पं दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली के अनुसार चन्द्र ग्रहण का *स्पर्श* अर्थात ग्रहण का आरम्भ 27 जुलाई की रात 11 बजकर 54 मिनट पर होगा। ग्रहण का *मध्य* समय 1 बजकर 52 मिनट का है और *मोक्ष* समय 03:49 बजे का है। इस हिसाब से रात में एक बजे से लेकर 02:43 तक पूर्ण ग्रहण की अवस्था रहेगी। ग्रहण की पूर्ण अवधि 3 घण्टा 55 मिनट की होगी और इसे सदी का सबसे लंबा चन्द्र ग्रहण बताया जा रहा है।
चन्द्र ग्रहण का देश अथवा आम जन मानस पर प्रभाव:
ज्योतिर्विद पं दिवाकर त्रिपाठी के अनुसार यह सदी का सबसे लंबा और प्रभावशाली चन्द्र ग्रहण होगा। ग्रहण के दौरान पृथ्वी के जल एवं स्थल दोनों पर प्रभाव होगा। जीव-जंतुओं और मनुष्यों पर भी ग्रहण का पूरा असर देखने को मिलेगा। पं दिवाकर आगे बताते हैं कि चन्द्र ग्रहण के दौरान शनि भी खास भूमिका निभाएंगे। इनके प्रभाव से कई प्राकृतिक आपदाओं को अंजाम मिलेगा। भूस्खलन ,भूकंप ,आग से क्षति ,बिजली गिरना, बदल फटना, आदि सम्भावनाएं बन सकती हैं।
यदि देश पर ग्रहण का दुष्प्रभाव हुआ तो यह आंतरिक अशांति को पैदा कर सकता है। ग्रहण के दो सप्ताह तक सरकारी अधिकारियों पर आक्षेप ,सरकार के प्रति जनाक्रोश ,सरकार की नीतियों का विरोध, आम जन मानस को ऐसा प्रतीत होगा कि सरकार तथा सरकारी कर्मचारी उनके विरूद्ध कार्य कर रहे हैं। महिलाओं ,बच्चियों के साथ गलत आचरणों ,दुष्कर्मो में वृद्धि हो सकती है।
खग्रास चन्द्र ग्रहण में करें ये कार्य:
- पवित्र नदियों अथवा तालाबों में स्नान- चन्द्रमा मंत्रा का करें जाप- तीर्थ स्नान के दर्शन, हवन आदि धार्मिक कार्य करें- दान-पुण्य करें
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खग्रास चन्द्र ग्रहण में ये कार्य भूल से भी ना करें:
- सूतक के समय और ग्रहण के समय भगवान की मूर्ति को स्पर्श ना करें- खाना-पीना, सोना, नाखून काटना, भोजन बनाना, तेल लगाना, आदि कार्य ना करें- ग्रहण के दौरान झूठ बोलना, छल-कपट, बेकार का वार्तालाप से परहेज करें- सूतक काल में बच्चे, बूढ़े, अस्वस्थ स्त्री (गर्भवती स्त्री) भोजन कर सकते हैं