27 जुलाई को लगने वाला है सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण, जानें आपकी राशि पर क्या पड़ेगा असर
By मेघना वर्मा | Published: July 21, 2018 10:01 AM2018-07-21T10:01:33+5:302018-07-21T10:01:33+5:30
सदी के इस सबसे बड़े ग्रहण होने का असर कई राशियों पर भी पड़ेगा। कुछ पर इसका शुभ और कुछ राशियों पर इसका अशुभ असर पड़ेगा।
विक्रमी संवत 2075 में कुल पांच ग्रहण का योग बन रहा है। जिसमें 2 चंद्रग्रहण और 3 सूर्य ग्रहण पड़ने वाले हैं। इन सभी में से सिर्फ एक ग्रहण भारत में दिखाई देगा। ये ग्रहण 27 जुलाई को लग रहा है। यह एक खग्रास ग्रहण होगा। खगोलविदों को कहना है कि यह इस सदी का सबसे लंबा ग्रहण होगा। इस कारण इसका असर भी सभी राशियों पर पड़ेगा। आज हम आपको इसी के बुरे और अच्छे असर के बारे में बताने जा रहे हैं। आप भी जानिए क्या होगा इसका आपकी राशि पर असर।
4 घंटे की अवधी का होगा यह ग्रहण
सदी के इस सबसे लंबे ग्रहण की अवधि 4 घंटे की होगी। कहा यह भी जा रहा हैं कि अब इस सदी में इससे लंबा कभी कोई ग्रहण नहीं होगा। इससे पहले 2000 में 16 जुलाई को ग्रहण लगा था। इस बार 27 जुलाई को गुरू पूर्णिमा भी पड़ रही है यही कारण है कि इसका महत्व और भी बढ़ गया है। ग्रहण का समय रात 11 बजकर 54 मिनट से शुरू होगी जो 3 बजकर 49 मिनट पर खत्म होगी।
भारत सहित यूरोपीय देशों में भी दिखेगा ग्रहण
यह चंद्र ग्रहण भारत के अलवा ऑस्ट्रेलिया, एशिया, अफ्रीका, यूरोपीय देशों व अंर्टाकटिका में भी देखा जा सकेगा। खगोलविदों के अनुसार, ग्रहणवाली रात मंगल भी पृथ्वी के बहुत नजदीक होगा और इस कारण चमकीला दिखाई देगा।
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तुला, वृश्चिक और मीन राशि वालों के लिए रहेगा शुभ
सदी के इस सबसे बड़े ग्रहण होने का असर कई राशियों पर भी पड़ेगा। कुछ पर इसका शुभ और कुछ राशियों पर इसका अशुभ असर पड़ेगा। इस ग्रहण से मकर राशी वालों को सावधान रहने की जरूरत हैं। ग्रहण से बचने के लिए आपको लगातार भगवान का जाप करना चाहिए। इसके साथ ही मिथुन, मेष, वृष, कर्क, सिंह, कन्या, धनु, कुंभ राशि वालों के लिए भी यह ग्रहण कष्टकारी हो सकता है। मगर तुला, वृश्चिक और मीन राशि वालों के लिए यह ग्रहण शुभ होगा।
ग्रहण के दौरान ना करें यह काम
* घर में ही भगवान का स्मरण करना चाहिए।
* गंगा आदि पवित्र नदियों में स्नान कर यथा शक्ति दान अवश्य देना चाहिए।
* घर में रखे हुए पानी में कुशा डाल देनी चाहिए, इससे पानी दूषित नहीं होता है।
* देवमूर्ति का स्पर्श, मल-मूत्र का त्याग भी नहीं करना चाहिए।
* ग्रहण के सूतक समय में भोजन नहीं करना चाहिए।