यहां स्थित है गंगा पुत्र भीष्म का इकलौता मंदिर, लेकिन नहीं होती है उनकी पूजा

By मेघना वर्मा | Published: January 25, 2018 12:21 PM2018-01-25T12:21:19+5:302018-01-25T12:36:17+5:30

इस मंदिर में भीष्म पितामाह की 12 फीट लंबी मूर्ति स्थापित है। इस मूर्ति को तीरों की शय्या पर लेटा हुआ दर्शाया गया है।

India's one and only Bhishma Pitamah temple in Allahabad Uttar Pradesh | यहां स्थित है गंगा पुत्र भीष्म का इकलौता मंदिर, लेकिन नहीं होती है उनकी पूजा

यहां स्थित है गंगा पुत्र भीष्म का इकलौता मंदिर, लेकिन नहीं होती है उनकी पूजा

महाभारत के पौराणिक योद्धा, भीष्म पितामाह अपने बल और बुद्धि के लिए जाने जाते हैं। देवी गंगा और शांतनु के पुत्र ने अपनों के लिए त्याग और बलिदान दिया था। कभी ना विवाह करने की प्रतिज्ञा ली थी। उनकी इस प्रतिज्ञा पर ही उन्हें अपने पिता द्वारा 'इच्छामृत्यु' का वरदान हासिल हुआ था। प्राचीन इतिहास के इस महान योद्धा का भारत में केवल एक ही मंदिर है जो कि उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में स्थित है।

इलाहाबाद शहर ना सिर्फ तहजीब और सभ्यता के लिए जाना जाता है बल्कि यहां मौजूद बहुत सारे छोटे-बड़े मंदिरों के लिए भी जाना जाता है। इन्हीं मंदिरों में से एक है ये भीष्म पितामह का मंदिर। जो यहां के लोगों में काफी प्रसिद्ध है।

55 साल पुराना है मंदिर

इलाहाबाद के दारागंज इलाके में स्थित इस मंदिर का निर्माण हाई कोर्ट के वकील जेआर भट्ट ने 1961 में करवाया था। प्रसिद्ध नागवासुकी मंदिर से लगे इस भीष्म पितामाह के मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। पूजा के साथ लोग परिक्रमा के लिए भी यहां घंटों लाइन में लगे रहते हैं। मंदिर के पुजारियों के अनुसार, बहुत साल पहले एक बूढ़ी औरत रोजाना गंगा में स्नान करने आती थी। डुबकी लगाने के बाद उसने एकदिन जे आर भट्ट से कहा की वह गंगा के पुत्र की भी पूजा करना चाहती है, बस इस बात को सुनकर भट्ट ने मंदिर का निर्माण प्रारंभ कर दिया।

12 फिट लम्बी है मूर्ति, तीरों की शय्या पर लेते हैं भीष्म पितामाह

पौराणिक कथाओं से प्रभावित होकर बनाए गए इस मंदिर में  भीष्मपितामाह की 12 फिट लम्बी और  लेटी हुई मूर्ति स्थापित है। इस मूर्ति को तीरों की शय्या पर लेटा हुआ दर्शाया गया है। जो भी श्रद्धालु नागवासुकी मंदिर या बेनी मादव मंदिर के दर्शन को आते हैं वो भीष्मपितामाह की मंदिर में दर्शन करने जरूर आते हैं। लोग भीष्म पितामह की मूर्ती पर पुष्प चढ़ते हैं और उन्हें नमन करते हैं। लेकिन इस मूर्ति का पुजारियों द्वारा विधिवत पूजन नहीं किया जाता है।

Web Title: India's one and only Bhishma Pitamah temple in Allahabad Uttar Pradesh

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