Guru Nanak Dev Jaynti 2019: 'केवल वही बोलो जो आपको सम्मान दिलाए', पढ़े गुरु नानक देव के ऐसे ही 10 अनमोल वचन
By मेघना वर्मा | Published: November 9, 2019 11:44 AM2019-11-09T11:44:33+5:302019-11-09T11:44:33+5:30
गुरु नानक देव ने सिक्ख धर्म की स्थापना की थी। बचपन से ही गुरु नानक देव ने अपने व्यक्तिव में दार्शनिक, योगी, गृहस्थ, धर्म-सुधारक, समाजसुधारक जैसे गुण थे।
देशभर में 12 नवंबर को गुरु नानक देव की जयंती मनाई जाएगी। कार्तिक पूर्णिमा के दिन इस गुरु पर्व को मनाया जाता है। मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही सिक्खों के गुरु, गुरु नानक देव जी ने संवत् 1526 में अवतरण लिया था। इसीलिए इस दिन को पूरा सिक्ख समुदाय उत्साह और उल्लास से मनाता है।
इसे प्रकाश पर्व के नाम से भी जानते हैं। गुरु नानक देव ने सिक्ख धर्म की स्थापना की थी। बचपन से ही गुरु नानक देव ने अपने व्यक्तिव में दार्शनिक, योगी, गृहस्थ, धर्म-सुधारक, समाजसुधारक जैसे गुण थे। बचपन में ही उन्होंने कई चमत्कारी चीजें की जिसे देखकर गांव के लोगों ने उन्हें दिव्य व्यक्तित्व वाला मानने लगे। उन्होंने देश से बुराई खत्म करने के लिए कई यात्राएं की जिसमें लोगों को शिक्षित भी किया।
गुरु नानक के अनमोल वचन आज भी लोगों का मार्गदर्शन करते हैं। गुरु नानक देव जी की जयंती पर आइए हम आपको बताते हैं उनके 10 अनमोल वचन
1. अपने घर में शांति से निवास करने वालों का यमदूत भी बाल बांका नहीं कर सकता।
2. उसके (भगवान) तेज से ही सब कुछ प्रकाशित है।
3. दुनिया में किसी व्यक्ति को भ्रम में नहीं रहना चाहिये। बिना गुरु कोई भी दुसरे किनारे को पार नहीं कर सकता।
4. मैं न तो बच्चा, न जवान, और न ही पुराना हूं, न ही मैं किसी भी जाति का हूं।
5. कुबेर धन कोष से युक्त विशाल साम्राज्य के सम्राट व राजा भी भगवान के प्रेम में सराबोर चिंटी की बराबरी नहीं कर सकते।
6. धार्मिक वही है जो सभी लोगों का समान रूप से सम्मान करे।
7. केवल वही बोलो जो आपको सम्मान दिलाये।
8. रस्सी की अज्ञानता के कारण रस्सी सांप प्रतीत होता है, स्वयं की अज्ञानता के कारण क्षणिक स्थिति भी स्वयं का व्यक्तिगत, सीमित, अभूतपूर्व स्वरूप प्रतीत होती है।
9. कोई भी उसको तर्क से नहीं समझ सकता, चाहे वह तर्क करने में कई जीवन लगा दे।
10. प्रियजनों ! मौत भी बुरी नहीं कहलायेगी, यदि व्यक्ति जानता हो कि सही मायने में कैसे मरते हैं।