गोवर्धन पूजा 2019: ये है गोवर्धन पूजा की पौराणिक कथा, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
By मेघना वर्मा | Published: October 26, 2019 11:05 AM2019-10-26T11:05:05+5:302019-10-26T11:05:05+5:30
द्वापर युग से ही गोवर्धन पूजा के दिन भगवान श्री कृष्ण और गौ की पूजा की जाती है। शास्त्रों में बताया गया है कि गाय उतनी ही पवित्र है जितनी मां गंगा का निर्मल जल।
सनातन धर्म में गाय के गौ को बेहद पवित्र माना जाता है। हर पूजा में गौ की पूजा की जाती है। इन गौ की पूजा हर कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष को की जाती है। गोवर्धन पूजा को लोग अन्नकूट के नाम से भी जानते हैं। दिवाली के ठीक एक दिन बाद पड़ने वाली इस गोवर्धन पूजा की अत्यधिक मान्यता है।
इस साल गोवर्धन पूजा का ये पर्व 28 अक्टूबर को पड़ रहा है। इस दिन अपने घरों पर लोग गौर की पूजा करते हैं। द्वापर युग से शुरू हुयी इस पूजा के दिन भगवान श्री कृष्ण और गौ की पूजा की जाती है। शास्त्रों में बताया गया है कि गाय उतनी ही पवित्र है जितनी मां गंगा का निर्मल जल। मगर क्या आप इस व्रत के पीछे की पौराणिक कथा जानते हैं। आइए आपको बताते हैं गोवर्धन पूजा की पौराणिक कथा-
गोवर्धन पूजा पौराणिक कथा
प्राचीन समय की बात है एक बार मूसलाधार बारिश से बचाने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने 7 दिनों तक गोवर्धन पर्वत को अपनी अंगुली पर उठाए रखा। इससे इंद्र क्रोधित हो उठे, बारिश और तेज कर दी। उस गोवर्धन के नीचे सभी ब्रजवासी सुरक्षित थे। श्रीकृष्ण ने सातवें दिन पर्वत को नीचे रखा और गोवर्धन पूजा के साथ अन्नकूट मनाने को कहा। तब से दिवाली के अगले दिन यानी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को गोवर्धन पूजा और अन्नूकट मनाया जाने लगा।
ये है पूजा का शुभ मुहूर्त
गोवर्धन पूजा 2019
28 अक्टूबर
गोवर्धन पूजा पर्व तिथि - सोमवार, 28 अक्टूबर 2019
गोवर्धन पूजा सायं काल मुहूर्त - दोपहर बाद 15:24 बजे से सायं 17:36 बजे तक
प्रतिपदा तिथि प्रारंभ - 09:08 बजे (28 अक्टूबर 2019) से
प्रतिपदा तिथि समाप्त -06:13 बजे (29 अक्टूबर 2019) तक
गोवर्धन पूजा की पूजा विधि
गोवर्धन की पूजा करने के लिए आप अपने घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन का चित्र बनाएं। उसकी पूजा के लिए रोली, चावल, खीर, बताशे, जल, दूध, पान, केसर, फूल आदि से दीपक जालाकर उसकी पूजा करें। इससे लाभ होगा। मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से पूजन करने से भगवान श्री कृष्ण की कृपा दृष्टि हमेशा बनी रहती है।