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गणेश चतुर्थी की रात चांद देखने से लगता है 'कलंक', भूल से हो जाएं चन्द्र दर्शन तो इस उपाय से बनें दोष मुक्त

By गुलनीत कौर | Updated: September 13, 2018 10:50 IST

Chandra Dosh Upay on Ganesh Chaturthi Night in Hindi:इस साल गणेश चतुर्थी पर स्वाति नक्षत्र बना है। इस नक्षत्र का बृहस्पतिवार के दिन आना अत्यंत शुभ माना जाता है।

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आज यानी 13 सितंबर से देशभर में गणेशोत्सव का आगाज हो गया है। 10 दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव में लोग धूमधाम से गणेश जी को अपने घर लाते हैं, उनका पूजन करते हैं और अंत में बहते जल में विसर्जित कर देते हैं। हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश के अवतरण दिवस के रूप में मनाया जाता है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस साल गणेश चतुर्थी पर स्वाति नक्षत्र बना है। और इस नक्षत्र का बृहस्पतिवार के दिन आना अत्यंत शुभ माना जाता है। इसके अलावा चन्द्रमा, जिसका चतुर्थी पर विशेष महत्व होता है, वे तुला की राशि में हैं। तुला राशि में इस समय चन्द्रमा, शुक्र और बृहस्पति का दुर्लभ संयोग बना हुआ है। इन सभी सयोगों को देखते हुए इस बार की गणेश चतुर्थी बेहद मंगलकारी मानी जा रही है। 

चतुर्थी का चांद क्यों है अशुभ?

गणेश चतुर्थी पर गणेश पूजन करने, ज्योतिष उपाय करने और खास दान-पुण्य करने का महत्व होता है। लेकिन शास्त्रों के अनुसार गणेश चतुर्थी की रात चांद देखने की मनाही होती है। कहा जाता है कि इस रात का अचांड देखने से दोष लग जाता है।

इसके पीछे एक पौराणिक कहानी प्रचलित है जिसके अनुसार हुआ यूं कि गणोशजी एक बार ब्रालोक से चंद्रलोक की ओर जा रहे थे। रात का समय था और ऊपर आसमान से चन्द्रमा उन्हें जंगलों से गुजरते हुए देख रहे थे। गणेश की असाधारण काया देखकर चंद्रमा की हंसी निकल गई और उसने गणेश जी का मजाल भी उड़ाया। यह देख गणेश को बेहद गुस्सा और आयर करोड़ में आकर उन्होंने चंद्रमा को शाप दिया। शाप देने से सभी ओर अन्धकार फैल गया। इस बात से भयभीत होकर चांद दौड़ा-दौड़ा ब्रादेव के पास गया। उन्होंने शापमुक्ति के लिए गणोश पूजा का विधान बताया। गणोशजी, चांद की पूजा से प्रसन्न हुए और उन्होंने एक दिन (चतुर्थी) देखने वाले को कलंक लगने की बात कही।

ये भी पढ़ें: गणेश चतुर्थी: घर में 'बप्पा' की मूर्ति रखते समय याद रखें ये 7 बातें, वरना होगा नुकसान

चतुर्थी पर दोष मुक्त होने के लिए उपाय

उपरोक्त कथा को आधार मानते हुए ही चतुर्थी की रात चन्द्रमा ना देखने की सलाह दी जाती है। लेकिन अगर गलती से इस रात कोई चांद देख ले तो मान्यतानुसार उसे झूठा कलंक झेलना पड़ता है। 

चतुर्थी की रात लोग चन्द्रमा को अर्घ्य देखते हैं, लेकिन ऐसा चांद देखे बिना करना होता है। लेकिन यदि गलती से कोई चांद देख ले और उसके बाद इस दोष से मुक्त होना हो तो निम्नलिखित मंत्र का 108 बार जाप कर लें:

सिंहः प्रसेनमवधीत्सिंहो जाम्बवता हतः।सुकुमारक मारोदीस्तव ह्येष स्यमन्तकः॥

टॅग्स :गणेश चतुर्थीज्योतिष शास्त्र
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