Ganesh Chaturthi 2020: गणेश चतुर्थी पर 126 साल बाद बन रहा ऐसा योग, जानें आप पर क्या पड़ेगा प्रभाव
By गुणातीत ओझा | Updated: August 22, 2020 13:36 IST2020-08-22T12:00:18+5:302020-08-22T13:36:35+5:30
साल भर के इंतजार के बाद एक बार फिर गणपति बप्पा घर-घर में पधारेंगे। इस बार गणेश चतुर्थी आज 22 अगस्त, शनिवार को मनाई जा रही है।

ganesh chaturthi 2020
साल भर के इंतजार के बाद एक बार फिर गणपति बप्पा घर-घर में पधारेंगे। इस बार गणेश चतुर्थी आज 22 अगस्त, शनिवार को मनाई जा रही है। मान्यताओं के अनुसार भाद्र मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेशजी का जन्म हुआ था, इस उपलक्ष्य में हर साल गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। 10 दिनों तक स्थापना के बाद अनंत चतुर्दशी के दिन गणेशजी को विर्सजित किया जाता है। भगवान गणेश को बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य का देवता माना जाता है। वे भक्तों के कष्टों का निवारण करते हैं।
पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर के निदेशक ज्योतिषविद् एवं कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि गणेश चतुर्थी को शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश की स्थापना करना अच्छा होता है। इस बार 21 अगस्त को 11 बजे सुबह चुतुर्थी शुरू हो जाएगी। 22 अगस्त को 7.57 शाम तक चुतुर्थी तिथि रहेगी। इसमें राहुकाल को हटाकर आप गणपति की स्थापना कर सकते हैं। पूजन का शुभ मुहूर्त दोपहर 12:45 बजे है। विशेष मुहूर्त सुबह 11:45 से दोपहर 12:45 से है।पूजन का शुभ मुहूर्त दोपहर 12:45 बजे है। विशेष मुहूर्त सुबह 11:45 से दोपहर 12:45 से है।
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि गणपति की स्थापना करते हुए इस बात का ध्यान रखें कि मूर्ति का मुंह पूर्व दिशा की तरफ होना चाहिए। गणेश पूजा शुरू करने से पहले संकल्प लेना होता है, इसके बाद भगवान गणेश का आह्वान किया जाता है। इसके बाद गणपति की मंत्रों के उच्चारण के बाद स्थापना की जाती है। भगवान गणेश को धूप, दीप, वस्त्र, फूल, फल, मोदक अर्पित किए जाते हैं। इसके बाद भगवान गणेश की आरती उतारी जाती है।
आइये ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास से जानते हैं 126 साल बाद गणेश चतुर्थी बन रहे इस योग का राशियों पर क्या पड़ेगा प्रभाव..
मेष राशि
राशि से पंचम मूल त्रिकोण में सूर्य का गोचर आपके प्रभाव में वृद्धि करेगा, नई कार्य योजनाएं फलीभूत होंगी।
वृषभ राशि
राशि से चतुर्थ भाव में सूर्य का गोचर पारिवारिक कलह के कारण मानसिक अशांति पैदा कर सकता है
मिथुन राशि
राशि से पराक्रम भाव में सूर्य का गोचर आप में ऊर्जा शक्ति का भंडार भर देगा। अपनी जिद एवं आवेश पर नियंत्रण रखते हुए विवेक का सही उपयोग करेंगे तो कामयाबियों के चरम तक पहुंचेंगे।
कर्क राशि
राशि से धनभाव में सूर्य का गोचर आर्थिक पक्ष को मजबूत करेगा किंतु कई बार अपनी ही कटु वाणी के द्वारा आप बनते हुए कार्य को भी बिगाड़ सकते हैं इसलिए भाषा का प्रयोग बहुत समझ बूझ के साथ करें।
सिंह राशि
आपकी स्वयं की राशि में राशि स्वामी सूर्य का आना आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं है किंतु यह समय आपकी परीक्षा का भी है इसलिए अपने क्रोध पर नियंत्रण रखते हुए तथा ऊर्जाशक्ति का सही दिशा में उपयोग करते हुए कार्य करें
कन्या राशि
राशि से हानि भाव में सूर्य का गोचर मिलाजुला फल कारक सिद्ध होगा। कष्ट कारक यात्रा भी करनी पड़ सकती है तथा किसी संबंधी अथवा मित्र के द्वारा अशुभ समाचार भी मिल सकता है।
तुला राशि
राशि से लाभ भाव में सूर्य का गोचर आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं है,सभी अरिष्टों का शमन होगा। चुनाव संबंधी कोई भी निर्णय लेना चाह रहे हों तो उसमें भी सफलता मिलेगी। आय के साधन बढ़ेंगे।
धनु राशि
राशि से भाग्यभाव में सूर्य का गोचर बेहतरीन सफलता दायक सिद्ध होगा। आपकी भाग्य उन्नति तो होगी ही आर्थिक पक्ष भी मजबूत होगा। धर्म-कर्म के मामलों में भी आगे रहेंगे।
मकर राशि
राशि से अष्टमभाव में सूर्य का गोचर आपको प्रतापी-यशस्वी बनाएगा। किसी नए पुरस्कार अथवा कार्यक्षेत्र में बड़े सम्मान की प्राप्ति के योग किंतु आपके अपने ही लोग नीचा दिखाने की कोशिश करेंगे।
कुंभ राशि
राशि से सप्तम भाव में सूर्य का गोचर कार्य व्यापार में उन्नति तो देगा ही आय में वृद्धि भी होगी। नए अनुबंध पर हस्ताक्षर भी कर सकते हैं, किंतु दांपत्य जीवन के लिए यह संयोग अच्छा नहीं रहेगा।
मीन राशि
राशि से छठे शत्रुभाव में सूर्य का गोचर भी आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं है किंतु, अत्यधिक खर्च के कारण आर्थिक तंगी का भी सामना करना पड़ सकता है।