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Ekadashi In March: मार्च में पड़ेंगे दो बड़े एकादशी व्रत, जानिए तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 3, 2020 14:04 IST

Ekadashi In March: इस बार मार्च में आमलकी और पापमोचिनी दो एकादशी व्रत पड़ रहे हैं। दोनों की एकादशी व्रत का बहुत महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।

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ठळक मुद्देEkadashi In March: आमलकी एकादशी 6 मार्च को, 19 को पापमोचिनी एकादशीएकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व, साल में पड़ते हैं 24 एकादशी व्रत

Ekadashi In March: हिंदू मान्यताओं में एकादशी तिथि का बहुत महत्व है। यह भगवान विष्णु को समर्पित है और इस दिन उन्ही की पूजा की जाती है। हिंदी कैलेंडर के अनुसार कृष्ण और शुक्ल दोनों ही पक्षों की एकादशी को भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। मार्च की बात करें तो इस महीने में दो बड़े एकादशी व्रत पड़ रहे हैं। इसमें पहला एकादशी व्रत फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष को है। इसे आमलकी एकदशी कहा गया है। वहीं, दूसरा पापमोचिनी एकादशी व्रत होगा।

आमलकी एकादशी (6 मार्च): फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी एकादशी कहा गया है। महाशिवरात्रि और होली के बीच पड़ने वाले इस एकादशी के दिन आंवले के पेड़ के नीचे भगवान विष्णु को पूजने की परंपरा है। शास्त्रों के अनुसार इस पेड़ को खुद भगवान विष्णु ने उत्पन्न किया था। इस व्रत को करने वाले को मोक्ष की प्राप्ति होती है। 

इस बार एकादशी तिथि की शुरुआत 5 मार्च को दोपहर 1.18 बजे के बाद हो रही है। हालांकि, उदया तिथि के कारण एकादशी का व्रत 6 तारीख (शुक्रवार) को किया जाएगा। एकादशी तिथि का समापन 6 मार्च को दिन में 11.47 बजे हो रहा है। इसलिए इतने बजे से पहले पूजा-पाठ आदि कर लें। पारण का समय 7 मार्च को सुबह 6 बजे के बाद होगा।

पापमोचिनी एकादशी (19 मार्च): इस एकादशी को करने से पापों का नाश होता है। इसलिए चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पापमोचिनी एकादशी व्रत कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के चतुर्भुज रूप की पूजा की जाती है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार ऐसा कोई भी इंसान नहीं जिससे जाने या अनजाने में पाप नहीं हुआ हो। 

इसलिए पापमोचिनी एकादशी का महत्व है। इसे करने से इंसान तमाम पापों से मुक्त होता है। इस बार चैत्र कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 19 मार्च को तड़के 4.26 बजे से हो रही है। इसका समापन 20 मार्च को सुबह 5.59 बजे होगा। इस लिहाज से पारण तोड़ने का समय 20 मार्च को होगा। 

Ekadashi Puja Vidhi: एकादशी व्रत पूजा विधि

एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठे और स्नान आदि कर साफ वस्त्रों को धारन करें। पीले वस्त्र ज्यादा शुभ हैं। इसके बाद विधिवत भगवान विष्णु की पूजा करें। एक साफ चौकी पर गंगाजल छिड़के और पीले वस्त्र डालकर भगवान विष्णु का चित्र वहां स्थापित करें। भगवान विष्णु को पीले फूल की माला और पुष्प आदि अर्पित करें। साथ ही उन्हें मिठाई आदि भी अर्पित करें और फिर एकादशी की कथा सुने या पढ़ें। पूजा के बाद भगवान विष्णु की आरती करें भोग लगाएं।

टॅग्स :एकादशीभगवान विष्णुहोली
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