Eid-Ul-Fitr 2020: सऊदी अरब में आज इस समय दिखेगा ईद का चांद, खत्म होगा रमजान का पाक महीना
By मेघना वर्मा | Published: May 23, 2020 12:30 PM2020-05-23T12:30:12+5:302020-05-23T12:30:12+5:30
मान्यता है कि शव्वाल महीने के पहले दिन हजरत मुहम्मद मक्का शहर से मदीना के लिए निकले थे। मक्का से मोहम्मद पैगंबर के प्रवास के बाद पवित्र शहर मदीना में ईद-उल-फितर का उत्सव शुरू हुआ था।
रमजान का पाक महीना खत्म होने के बाद पूरी दुनिया में ईद के पर्व को धूम से मनाया जाता है। खासकर सऊदी अरब में ईद को बहुत बड़े उत्सव के रूप में मनाया जाता है। पूरी दुनिया में रहने वाले मुसलमान इस पर्व को मनाते हैं। ईद उल फितर में रमजान के पवित्र महीने में रहने वाले व्रत को तोड़ा जाता है। ईद कब मनाई जाएगी ये ईद के चांद पर निर्भर करता है। ईद का चांद दिखने के बाद ही ईद मनायी जाती है।
वैसे तो हर देश चांद देखकर ईद मनाते हैं मगर सऊदी अरब में चांद दिख जाने के बाद लगभग पूरी दुनिया में ईद मनायी जाती है। वहीं इस बार साउदी अरब सुप्रिम कोर्ट ने देश के सभी मुसलिम से कहा है कि जिन्हें भी ईद का चांद दिखे वो रिपोर्ट करवाए।
अदालत ने लोगों से कहा है कि जो कोई भी चांद को आंखों के साथ या दूरबीन के माध्यम से देखता है, वह निकटतम अदालत को रिपोर्ट करता है और गवाही दर्ज करता है, या क्षेत्र में एक क्षेत्र के केंद्र के एक प्राधिकरण को रिपोर्ट करता है।
एचटी की रिपोर्ट के अनुसार सऊदी अरब में मजमा विश्वविद्यालय के लैब में खगोलविदों ने बताया कि रमजान के 30वें दिन यानी 23 मई को सूरज 6.40 बजे अस्त होगा। वहीं चांद शाम 7.23 मिनट पर उदय होगा। अबू धाबी के अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय केंद्र के खगोलविदों ने कहा कि ईद अल-फितर 24 मई को मनाए जाने की संभावना है।
देश में भी इस बार की मीठी ईद 24 अप्रैल को मनायी जाने की उम्मीद है। अगर 23 मई यानी आज रात को चांद दिख गया तो कल ईद मनाई जाएगी। इस ईद को मीठी ईद के नाम से भी जाना जाता है। ईद उल-फितर इस्लामी कैलेंडर के दसवें महीने शव्वाल के पहले दिन मनायी जाती हैं।
ईद पर मुस्लिम समुदाय के लोग नए कपड़े पहनर नमाज अदा करते हैं और अपने परिवार के अमन चैन की दुआ करते हैं। इस दिन पढ़ी जाने वाली नमाज को सलात अल फज्र कहा जाता है। वहीं ईद से पहले हर मुसलमान के लिए फितरा देना फर्ज बताया गया है।
ईद-उल-फितर का इतिहास
मान्यता है कि शव्वाल महीने के पहले दिन हजरत मुहम्मद मक्का शहर से मदीना के लिए निकले थे। मक्का से मोहम्मद पैगंबर के प्रवास के बाद पवित्र शहर मदीना में ईद-उल-फितर का उत्सव शुरू हुआ था। बताया ये भी जाता है कि पैगम्बर हजरत मुहम्मद ने बद्र की लड़ाई में इस दिन जीत हासिल की थी। तभी से इस दिन लोग सेवईं खाकर मुंह मीठा करते हैं और ईद मनाते हैं।