Eid 2018: साल में दो बार क्यों मनाई जाती है ईद? मीठी ईद और बकरीद में क्या है फर्क?

By उस्मान | Published: August 19, 2018 08:04 AM2018-08-19T08:04:04+5:302018-08-19T08:04:04+5:30

बकरा ईद, बकरीद, ईद-उल-अजहा या ईद-उल जुहा इस्लाम कैलेंडर में दूसरा सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है, जानिए इस दिन कुर्बानी क्यों दी जाती है?

Eid al-Adha 2018: bakrid date, importance significance, different between Eid Al Adha and Eid ul-Fitr | Eid 2018: साल में दो बार क्यों मनाई जाती है ईद? मीठी ईद और बकरीद में क्या है फर्क?

फोटो- पिक्साबे

बकरा ईद, बकरीद, ईद-उल-अजहा या ईद-उल जुहा इस्लाम कैलेंडर में दूसरा सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे दुनिया भर के मुस्लिम मनाते हैं। इसी तरह ईद-उल फितर मुस्लिमों सबसे बड़ा त्योहार है जिसे मीठी ईद भी कहा जाता है। बकरीद का त्योहार मीठी ईद के लगभग तीन महीने बाद आता है। बहुत से लोग इन दोनों त्योहारों को लेकर कंफ्यूज रहते हैं। चलिए जानते हैं कि इन दोनों त्योहारों में क्या अंतर है। 

बकरीद और मीठी ईद में क्या अंतर है? 
मीठी ईद सीधे रूप से रमजान यानी उपवास से जुड़ी हुई है। बकरीद इसलिए मनाई जाती है कि इस्‍लामिक मान्‍यता के अनुसार हजरत इब्राहिम अपने बेटे हजरत इस्माइल को इसी दिन खुदा के हुक्म पर खुदा की राह में कुर्बान करने जा रहे थे। तब अल्लाह ने उनके नेक जज्‍बे को देखते हुए उनके बेटे को जीवनदान दे दिया। यह पर्व इसी की याद में मनाया जाता है। इसके बाद अल्लाह के हुक्म पर इंसानों की नहीं जानवरों की कुर्बानी देने का इस्लामिक कानून शुरू हो गया। आम तौर पर बलि किए हुए पशु को एक परिवार द्वारा पकाया जाता है और तीन भागों में विभाजित किया जाता है। इसका एक हिस्सा गरीबों को दिया जाता है, दूसरा परिजनों और रिश्तेदारों को और तीसरा हिस्सा अपने घर के लिए होता है। 

मीठी ईद क्यों मनाई जाती है? 
रमजान के 30 रोजों के बाद चांद देखकर ईद मनाई जाती है। इसे लोग ईद-उल-फित्र भी कहते हैं। लेकिन क्या आपको मालूम है कि एक महीने रोजों के बाद ईद का त्यौहार क्यों मनाया जाता है। दरअसल, इसके पीछे एक लंबी कहानी है। पैगम्बर हजरत मुहम्मद ने बद्र के युद्ध में विजय प्राप्त की थी। उनके विजयी होने की खुशी में ही यह त्यौहार मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि 624 ईस्वी में पहला ईद-उल-फित्र मनाया गया था।

दो ईद क्यों मनाई जाती हैं? 
इस्लामिक कैलेंडर में दो ईद मनाई जाती हैं। दूसरी ईद जो ईद-उल-जुहा या बकरीद के नाम से भी जानी जाती है। ईद-उल-फित्र का यह त्यौहार रमजान का चांद डूबने और ईद का चांद नजर आने पर इस्लामिक महीने की पहली तारीख को मनाया जाता है।

Web Title: Eid al-Adha 2018: bakrid date, importance significance, different between Eid Al Adha and Eid ul-Fitr

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