बुराई पर अच्छाई की जीत का ये त्योहार हर साल बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान राम ने लंका की लड़ाई में राक्षस रावण का वध किया था। साथ ही इसी दिन मां दुर्गा ने राक्षस महिषासुर का संहार किया था। इसे ही विजयदशमी के रुप में मनाया जाता है।
इस बार विजयदशमी का ये पर्व 8 अक्टूबर को पड़ रहा है। हर साल विजयदशमी पर लोग शुभ कार्य आरंभ करते हैं। इस मुहूर्त पर राहु काल का भी कोई दोष नहीं माना जाता। इसलिए लोग अपने शुभ काम को विजयदशमी के दिन करते हैं।
ये हैं शुभ मुहूर्त
विजय दशमी पर इस बार सर्वश्रेष्ठ अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11 बजकर 36 से 12 बजकर 24 तक के मध्य है। इसके मध्य किया गया कोई भी कार्य बिना किसी रुकावट के अपने सर्वश्रेष्ठ फल तक पहुंचेगा। इस दिन का दूसरा मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 24 से 2 बजकर12 तक है इस अवधि के मध्य आरंभ किया जाने वाला कोई भी कार्य सफलता दायक रहेगा।
इसिलए खाते हैं दशहरे के दिन जलेबी
दशहरे के दिन जलेबी खाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। इस प्रचलन की शुरुआत काफी पहले से। पुरानी कथाओं की मानें तो भगवान राम को शश्कुली नाम की मिठाई काफी पसंद थी।
समय के साथ इस मिठाई का नाम बदला और आज इसे जलेबी के नाम से जाना जाता है। रावण दहन के बाद इसलिए आज भी लोग जलेबी खाते हैं और बुराईयों पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाते हैं।