Dhanu Sankranti 2019: आज है धनु संक्रांति, भूलकर भी ना करें ये 7 काम, कभी नहीं मिलेगी सफलता
By मेघना वर्मा | Published: December 16, 2019 07:19 AM2019-12-16T07:19:12+5:302019-12-16T07:19:12+5:30
इस महीने के शुरु होते ही सभी शादियां एक महीने के लिए बंद हो जाएंगी। अगले साल 14 जनवरी यानी मकर संक्रांति के बाद से ही सारे शुभ कार्य फिर से शुरू होंगे।
हिन्दू धर्म के अनुसार हर जब सूर्य किसी राशि में प्रवेश करता है तो उसे संक्रांति कहते हैं। ये संक्रांति सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा से जुड़ी हुई होती है। इस संक्रांति का शुभ और अशुभ दोनों असर हो सकता है। वहीं इस साल आज यानी 16 दिसंबर को सूर्य धनु राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। जिसे धनु संक्रांति कहते हैं।
ज्योतिशशास्त्र की मानें तो सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करने के बाद उसकी चाल धीमी हो जाती है। इसके बाद सारे शुभ काम भी बंद हो जाते हैं। धनु संक्रांति को हेमंत ऋतु शुरू होने पर मनाया जाता है। इसी संक्रांति के बाद मलमास शुरू हो जाएगा। जिसके बाद एक महीने तक सारे शुभ कार्य बंद हो जाएंगे।
इस महीने के शुरु होते ही सभी शादियां एक महीने के लिए बंद हो जाएंगी। अगले साल 14 जनवरी यानी मकर संक्रांति के बाद से ही सारे शुभ कार्य फिर से शुरू होंगे। ज्योतिषों के अनुसार इस माहिने में किए गए कोई भी कार्य शुभ नहीं होते। साथ ही इस महीने किसी भी तरह के नए कार्य को करना सही नहीं माना जाता।
धनु संक्रांति का शुभ मुहूर्त
16 दिसंबर को दोपहर 3.28 बजे से सूर्य का धनु राशि में प्रवेश होगा। 14 व 15 जनवरी 2020 की रात 2 बजकर 50 मिनट पर मलमास समाप्त होगा। 15 दिसंबर से 9 जनवरी 2020 तक गुरु तारा भी अस्त रहेगा।
धनु संक्राति के बाद से ही मलमास या खरमास में किसी भी तरह का कोई मांगलिक कार्य ना करें। इसमें
1. शादी
2. सगाई
3. वधु प्रवेश
4. द्विरागमन
5. गृह प्रवेश
6. गृह निर्माण
7. नए व्यापार का आरंभ आदि ना करें।
हिन्दू शास्त्र के अनुसार मांगलिक कार्यों के सिद्ध होने के लिए गुरु का प्रबल होना बहुत जरुरी है। बृहस्पति जीवन के वैवाहिक सुख और संतान देने वाला होता है। मलमास के दौरान, गंगा और गोदावरी के साथ-साथ उत्तर भारत के उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, राजस्थान, राज्यों में सभी मांगलिक कार्य व यज्ञ करना भी निषेध होता है।