हिन्दू धर्म में पूर्णिमा को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। विशेषकर कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष को आने वाली पूर्णिमा का विशेष महत्व बताया जाता है। इस दिन को लोग देव दीपावली के रूप में भी मनाया जाता है। जिसका सबसे ज्यादा महत्व बताया जाता है। खासकर वारणसी में इस त्योहार की अलग ही छठा देखने को मिलती है। इस साल देव दीपावली का पर्व 12 नवंबर को मनाया जाना है।
देव दीपावली को त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं। इस दिन एक बार फिर से पूरी नगरी दीयों की जगमगाहट से रोशन हो जाता है। इसे देवों की दीपावली भी कहा जाता है। साथ ही इस दिन दीपों का दान किया जाता है। माना जाता है कि जिस प्रकार इंसान दिवाली पर दीये जलाता है उसी प्रकार कार्तिक पूर्णिमा के दिन देवता भी दीये जलाकर दीपावली मनाते हैं। इसीलिए इसका नाम देव दीपावली रखा गया है।
देव दीपावली का शुभ मुहूर्त
देव दीपावली 2019 तिथि- 12 नवंबर 2019
शुभ मुहूर्त
देव दीपावली प्रदोष काल शुभ मुहूर्त - शाम 5 बजकर 11 मिनट से 7 बजकर 48 मिनट तक पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- शाम 6 बजकर 2 मिनट से (11 नवंबर 2019)
देव दीपावली की पूजा विधि
1. देव दीपावली के दिन शाम को गंगा पूजन किया जाता है। 2. गंगा पूजन के बाद घाट पर अधिक से अधिक दीपों को जलाया जाता है। 3. उन दीपकों के प्रकाश से पूरी काशी और वहां के घाट जगमग हो जाते हैं। 4. इस दिन श्रीसत्यनारायण व्रत की कथा सुनना चाहिए। 5. वहीं शाम के समय मन्दिरों, चौराहों, गलियों, पीपल के वृक्षों तथा तुलसी के पौधों के पास दीपक जलाए जाते हैं। 6. कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा जी को दीपदान भी किया जाता है।