कोरोनाः आचार्य प्रशांत ने कहा- शरीर को इम्यून नहीं कर पा रहे तो मन को करें इम्यून

By गुणातीत ओझा | Published: September 6, 2020 04:02 PM2020-09-06T16:02:09+5:302020-09-06T16:02:47+5:30

आचार्य प्रशांत कहते हैं कि वे समस्याओं को जड़ से मिटाने में विश्वास रखतें हैं। उनके अनुसार, कोविड 19 जैसी भीषण महामारी से इस वक़्त शरीर को तो इम्यून नहीं किया जा सकता, परन्तु मन को इम्यून कर पाना बिल्कुल सम्भव है।

Corona: If you cannot immunize the body then immunize the mind says Acharya Prashant | कोरोनाः आचार्य प्रशांत ने कहा- शरीर को इम्यून नहीं कर पा रहे तो मन को करें इम्यून

कोरोना से जंग में जरूरी है आध्यात्मिक होना, जानें कैसे।

Highlightsआचार्य प्रशांत कहते हैं कि वे समस्याओं को जड़ से मिटाने में विश्वास रखतें हैं।उनके अनुसार, कोविड 19 जैसी भीषण महामारी से इस वक़्त शरीर को तो इम्यून नहीं किया जा सकता, परन्तु मन को इम्यून कर पाना बिल्कुल सम्भव है।

आचार्य प्रशांत कहते हैं कि वे समस्याओं को जड़ से मिटाने में विश्वास रखतें हैं। उनके अनुसार, कोविड 19 जैसी भीषण महामारी से इस वक़्त शरीर को तो इम्यून नहीं किया जा सकता, परन्तु मन को इम्यून कर पाना बिल्कुल सम्भव है। और उनकी संस्था, इस महामारी के समय में अनेक तरीकों से भारत वासियों तथा विदेशियों को मानसिक रूप से मुक्त होने की युक्ति सिखा रही है। 25 से अधिक पुस्तकों के लेखक तथा पूर्व आई.आई.टी, आई.आई.एम. अलमनस और सिविल सेवा अधिकारी रह चुके आचार्य प्रशांत अद्वैत फाउंडेशन के संस्थापक हैं। 

आचार्य कहते हैं कि, "अगर तन संक्रमित हो भी जाए, तो भी मन संक्रमित नहीं होना चाहिए; और ऐसा सम्भव है कि हम इस महामारी के, या किसी और बीमारी के विषय में हम पूर्णतः निर्भय हो जाएं।"

प्रशांतअद्वैत फाउंडेशन की वयस्क स्वयंसेविका अनु बत्रा बताती हैं कि कोविड-19 का वर्तमान समाज की अन्य समस्याओं से सीधा सम्बंध है। उनके अनुसार जलवायु परिवर्तन, बेलगाम उपभोगतावाद, मांसाहार, तथा मनुष्य की हिंसक वृत्तियों ने ही कोरोनावायरस को जन्म दिया है। उन्होंने बताया कि संस्था पिछले 2 सालों से वीडिओस और जागरूता फैलाने वाले कार्यक्रमों के ज़रिए, वेगानिस्म और अध्यात्म को अपनी सीमित क्षमता में प्रचारित-प्रसारित कर रही है।

 जब तक जन-जन पदार्थवाद से हट अध्यात्म की ओर नहीं मुड़ता, तब तक अनेक कोरोनावायरस आएंगे। "हम अधिक से अधिक आपको वैज्ञानिक तथ्य बता सकते हैं, काउंसलिंग दे सकते हैं,  उपनिषदों को आप तक ला सकते हैं, आपको निर्भय और मुक्त जीवन जीने के लिए प्रेरित कर सकते हैं, कोरोनाकाल में आपका मानसिक सहारा बन सकते हैं, पर आख़िरी चुनाव तो आपको ख़ुद ही करना है। वो चुनाव यह है कि मुझे अपने जीवन जीने के तरीकों को बदलना है या नहीं।"

Web Title: Corona: If you cannot immunize the body then immunize the mind says Acharya Prashant

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