हिन्दू धर्म में चैत्र नवरात्रि एक महत्वपूर्ण पर्व है। नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा होती है। इस दौरान विधि पूर्वक मां भगवती की उपासना करने से जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होती हैं और सुख समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है। इस साल चैत्र नवरात्रि व्रत 02 अप्रैल से शुरू हो रहे हैं और 11 अप्रैल को समाप्त होंगे। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चैत्र नवरात्रि के समय यदि कोई व्यक्ति अपनी राशि के अनुसार मां दुर्गा की आराधना करता है तो उसे न केवल मां शक्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है बल्कि, उसकी कुंडली में ग्रह दोषों से भी छुटकारा मिलता है। आप भी इस बार अपनी राशि के अनुसार मां दुर्गा की आराधना कर ऐसा लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
मेष: आपको मां स्कंदमाता की अराधना करनी चाहिए। नवरात्रि के नौ दिन दुर्गा सप्तशती या दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
वृषभ: आपको मां दुर्गा के महागौरी स्वरूप की उपासना करनी चाहिए. अविवाहित कन्याओं को मां के इस स्वरूप की आराधना से उत्तम वर की प्राप्ति होती है.
मिथुन: इस राशि के जातकों को मां ब्रह्मचारिणी की उपासना करनी चाहिए. साथ ही तारा कवच का रोज पाठ करना चाहिए.
कर्क: इस राशि के लोगों को मां शैलपुत्री की पूजा करनी चाहिए और नवरात्र में लक्ष्मी सहस्रनाम का पाठ करना चाहिए
सिंह: इस राशि के लोगों को मां कूष्मांडा की साधना विशेष फलदायी मानी जाती है। नवरात्र में दुर्गा मंत्रों का जप करें।
कन्या: इस राशि के जातकों के लिए भी मां ब्रह्मचारिणी का पूजन फलदायी माना गया है। आप लक्ष्मी मंत्रों का जाप कर सकते हैं।
तुला: इस राशि के लोगों को महागौरी की पूजा करना चाहिए। नौ दिन काली चालीसा या सप्तशती के प्रथम चरित्र का पाठ करना आपके लिए शुभ रहेगा।
वृश्चिक: इस राशि के लोगों को स्कंदमाता की उपासना करनी चाहिए। साथ ही नवरात्र में दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
धनु: इस राशि के लोगों को मां चंद्रघंटा की उपासना करनी चाहिए। नवरात्र के नौ दिन मां दुर्गा के अलग-अलग मंत्रों का जाप करें।
मकर: आपको कालरात्रि की पूजा करनी चाहिए। साथ ही नर्वाण मंत्र का जप करें।
कुंभ: इस राशि के जातकों को मां कालरात्रि की उपासना करनी चाहिए। साथ ही देवी कवच का पाठ करें।
मीन: आपको मां चंद्रघंटा की उपासना करनी चाहिए। साथ ही हल्दी की माला से बगलामुखी मंत्र का जप करना चाहिए।