अहोई अष्टमी 2018: नहीं होगी किसी भी तरह की अनहोनी, बस ऐसे करें अहोई माता की पूजा
By मेघना वर्मा | Published: October 31, 2018 10:16 AM2018-10-31T10:16:59+5:302018-10-31T10:16:59+5:30
अहोई अष्टमी का व्रत ज्यादातर उत्तर भार के दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के हिस्सों में मनाया जाता है।
अहोई अष्टमी का पवित्र त्योहार आज पूरे धूम-धाम से मनाया जाएगा। कार्तिक महीने की कृष्ण अष्टमी के दिन पड़ने वाली इस अष्टमी पर महिलाएं अपने संतानों के लिए रखती हैं। अहोई अष्टमी के दिन महिलाएं ना सिर्फ दिन भर उपवास रखती हैं बल्कि विधि-विधान से अहोई माता की पूजा अर्चना करती है तथा रात में तारों को अर्घ्य देकर इस उपवास को तोड़ती हैं।
अहोई अष्टमी का व्रत महिलाएं अपने-अपने क्षेत्र और परिवार के परम्परा के अनुसार करती हैं। अहोई माता के व्रत में इसकी पूजा विधि बड़ी मायने रखती है। मान्यता है कि अहोई माता अगर खुश हो जाएं तो आपकी संतान के साथ किसी भी तरह की अनहोनी नहीं हो सकती। आइए आपको बताते हैं अहोई अष्टमी के इसी उपवास की पूजा विधि ताकी आपका बच्चा भी हमेशा अनहोनी से बचा रहे।
उत्तर भारत में मनाते हैं यह त्योहार
अहोई अष्टमी का व्रत ज्यादातर उत्तर भार के दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के हिस्सों में मनाया जाता है। इन सभी जगहों पर पूजा करने के अपने अलग-अलग तरीके हैं। आप भी जानें कैसे करते हैं मां अहोई की खास अर्चना
ऐसे करें अहोई माता की पूजा
* सुबह के समय जल्दी उठकर सबसे पहले स्नान आदि करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
* अब मंदिर की दीवार पर गेरू और चावल से अहोई माता यानी कि मां पार्वती और स्याहु व उसके सात पुत्रों का चित्र बनाएं। आप चाहें तो बाजार में मिलने वाले पोस्टर का इस्तेमाल भी कर सकती हैं।
* अब एक नए मटके में पानी भरकर रखें, उसपर हल्दी से स्वास्तिक बनाएं, अब मटके के ढक्कन पर सिंघाड़े रखें।
* घर में मौजूद सभी बुजुर्ग महिलाओं को बुलाकर सभी के साथ मिलकर अहोई माता का ध्यान करें और उनकी व्रत कथा पढ़ें। सभी के लिए एक-एक स्वच्छ कपड़ा भी रखें।
* कथा खत्म होने के बाद इस कपड़े को उन महिलाओं को भेंट कर दें।
* रखे हुए मटके का पानी खाली ना करें इस पानी से दीवाली के दिन पूरे घर में पोंछा लगाएं। इससे घर में बरकत आती है।
* रात के समय सितारों को जल से अर्घ्य दें और फिर ही उपवास को तोड़ें।