पारिवारिक कलह के कारण बच्चों में बढ़ रहे तनाव को कम करने के लिए अपनाएं ये 5 टिप्स, नहीं होगी कोई दिक्कत
By मनाली रस्तोगी | Updated: May 9, 2022 14:27 IST2022-05-09T14:24:42+5:302022-05-09T14:27:01+5:30
घर के खराब माहौल को तनाव, कम आत्मसम्मान, व्यक्तित्व विकार, आत्महत्या या मादक द्रव्यों के सेवन से जोड़ा जा सकता है। पारिवारिक तनाव के दौरान भी रिश्तों में स्वस्थ आदतों और पैटर्न को जारी रखना जरूरी है ताकि बच्चों को अपने संबंधों में अभ्यास करने के लिए मॉडल प्रदान किया जा सके।

पारिवारिक कलह के कारण बच्चों में बढ़ रहे तनाव को कम करने के लिए अपनाएं ये 5 टिप्स, नहीं होगी कोई दिक्कत
Parenting Tips: परिवार के लोगों के बीच किसी बात पर लड़ाई होना आम बात है, लेकिन इसका घर में मौजूद बच्चे पर बुरा असर पड़ सकता है। दरअसल, कई बार घर में लगातार बड़ों के बीच हो रही लड़ाईयां बच्चों में तनाव और डिप्रेशन जैसी गंभीर बीमारियों को जन्म दे सकती हैं। ऐसे में कोशिश करनी चाहिए कि कभी भी आपसी मतभेद को बच्चों के सामने न लाएं और न ही उनके सामने लड़ें।
बच्चों के सामने हर रोज लड़ने से घर का माहौल तो खराब होता ही है, लेकिन इसके साथ ही यह बच्चों को पूर्ण और अच्छी तरह से समायोजित वयस्क बनने से रोकता है और उनकी विकास मानसिकता को भी प्रभावित करता है। पारिवारिक तनाव को तनाव, कम आत्मसम्मान, व्यक्तित्व विकार, आत्महत्या या मादक द्रव्यों के सेवन से जोड़ा जा सकता है। पारिवारिक तनाव के दौरान भी रिश्तों में स्वस्थ आदतों और पैटर्न को जारी रखना जरूरी है ताकि बच्चों को अपने संबंधों में अभ्यास करने के लिए मॉडल प्रदान किया जा सके।
बच्चों के सामने न झगड़ें
पार्टनर्स के बीच किसी बात को लड़ाई-झगड़ा होना आम बात है, लेकिन बच्चों के आगे ऐसा करने से ये स्थिति तनाव पैदा करती है जो बच्चों के मानसिक विकास पर को प्रभावित करती है। इसलिए कोशिश करें कि अपने पार्टनर के साथ हुए आपसी मतभेद को आप अलग सुलझाएं।
बच्चों की उपस्थिति में निकालें हल
यदि बच्चों के सामने विवाद हुआ है तो उनकी उपस्थिति में भी उसे सुलझाने का प्रयास करें, ताकि उन्हें पता चले कि तनाव खत्म हो गया है। इससे बच्चे भी थोड़ा शांत होंगे।
ईमानदार संचार
विवाद को सुलझाने में बच्चों की मदद लेने की कोशिश करें। इस तरह उन्हें लगता है कि उनके साथ संचार पोषण और ईमानदार है।
माइंडफुल पेरेंटिंग
एक गैर-न्यायिक दृष्टिकोण अपनाएं और उन भावनाओं पर ध्यान केंद्रित करें जो आप अपने बच्चों के साथ संचार में प्रदर्शित करते हैं। क्रोध जैसीअत्यधिक तीव्र भावनाओं को दिखाने से बचने की कोशिश करें। सकारात्मक अनुशासन दिखाना करना भी बहुत महत्वपूर्ण है।
तनाव के लिए बच्चे को दोष न दें
सुनिश्चित करें कि बच्चे किसी भी तरह से पारिवारिक तनाव के लिए खुद को जिम्मेदार तो नहीं समझते हैं। तनाव के लिए जवाबदेही लेना और उन्हें उन भावनाओं के बारे में आश्वस्त करना महत्वपूर्ण है जो वे महसूस करते हैं। साथ ही, इस बात ध्यान जरूर रखिए कि कभी भी आपसी मतभेद के लिए या घर पर मौजूद तनाव के लिए बच्चों को इसका दोषी मत बनाएं।
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Lokmat Hindi News इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले या इसके बारे में अधिक जानकारी लेने के लिए डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।)