पति-पत्नी और गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड के रिलेशनशिप को लेकर अक्सर ही रिसर्च होती है। कभी उनके रहने के तरीके पर तो कभी उनके रवैये पर। एक बार फिर से इसी रिश्ते पर हावर्ड यूनिवर्सिटी की ओर रिसर्च की गई है। जिसमें आदमियों के काम या जॉब को लेकर रिसर्च किया गया है। इस रिसर्च में बताया गया है कि कैसे आदमियों का काम या उनकी जॉब का सीधा इफेक्ट उनके रिलेशनशिप पर पड़ता है।
ब्राइट साइट में छपी खबर के अनुसार आखिरी कुछ सालों में ग्लोबली होने वाले तलाक के आंकड़ों में 25.1 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इन आंकड़ों को सबसे ज्यादा मालदीव में देखा गया है जहां हाइएस्ट डिवॉर्स रेट है। वहीं डीप रिसर्च के अनुसार 6,300 कपल्स पर रिसर्च करके इस बात का पता लगाया गया है कि वो आपस में बहुत चीजों को लेकर झगड़ा करते हैं मगर उनके तलाक लेने के चांसेस 30 प्रतिशत तब और बढ़ जाते हैं जब पति, बेरोजगार होते हैं।
जो हैं बेरोजगार या करते हैं पार्ट टाइम जॉब
रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है कि जो लोग बेरोजगार हैं या घर में रहकर ही कोई पार्ट टाइम जॉब करते हैं उनके तलाक होने के चांसेज सबसे ज्यादा होते हैं। उनकी शादी में या उनके रिश्ते में सबसे ज्यादा लड़ाई होती है जिस वजह से उनके तलाक होने का चांस बढ़ जाता है।
महिलाओं की जॉब स्टेटस का नहीं पड़ता इफेक्ट
वैसे तो आज कल की महिलाएं ना सिर्फ बेहतरीन काम कर रही हैं बल्कि ऑफिस और घर के बीच सभी चीजों को बखूबी मैनेज भी कर रही हैं मगर रिसर्च के मुताबिक महिलाओं का ऑफिस स्टेटस उनके रिश्ते पर कोई असर नहीं डालता है। अध्ययन में हुए डाटा कलेक्शन में किसी भी तरह का सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव नहीं देखा गया है।
सिंग्लस के लिए भी जॉब जरूरी
सर्वे के मुताबिक, आर्थिक रूप से स्वतंत्र होना सिंगल्स के लिए बेहद जरूरी है। सिंगल्स मेन्स के लिए जरूरी है कि वो किसी भी रिश्ते में आने से पहले खुद को फाइनेंशियली मजबूत जरूर करें वरना उनके रिश्ते में खटास जरूर आ सकती है। सर्वे के मुताबिक 75 प्रतिशत महिलाएं ऐसे लड़कों को डेट नहीं करना चाहतीं जो बेरोजगार हैं।