Assembly Elections 2023: "भाजपा मेरी वजह से उन्हें सजा मत दे", अशोक गहलोत ने भाजपा द्वारा वसुंधरा राजे को 'साइडलाइन' लगाने पर कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: October 20, 2023 08:46 IST2023-10-20T08:41:49+5:302023-10-20T08:46:15+5:30
अशोक गहलोत ने साल 2020 में सचिन पायलट खेमे द्वारा उनके सरकार को अस्थीर करने की कोशिश में भाजपा के कथित साजिश और परोक्ष समर्थन के सवाल पर इनकार करने हुए कहा कि उसके लिए वसुंधरा राजे को 'दंडित' नहीं किया जाना चाहिए।

फाइल फोटो
नई दिल्ली: राजस्थान में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सियासती खेल में इस वक्त शह और मात का बाजीगरी जोरों पर है। राजनीतिक जादूगरी के मशहूर कांग्रेस नेता और सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीते गुरुवार को अपने बयानों के तरकश से ऐसे तीर निकाले, जिनके निशाने पर सीधे तौर पर विपक्षी दल भाजपा और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे थीं।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार से कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने साल 2020 में सचिन पायलट खेमे द्वारा उनके सरकार को अस्थीर करने की कोशिश में भाजपा के कथित साजिश और परोक्ष समर्थन के सवाल पर इनकार करने हुए कहा कि उसके लिए वसुंधरा राजे को 'दंडित' नहीं किया जाना चाहिए।
इसके साथ ही सीएम गहलोत ने कांग्रेस की अंधरूनी गुटबाजी की संभावना को नकारते हुए कहा कि वो और पूर्व डिप्टी सचिन पायलट पार्टी के प्रति एकजुट हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस में टिकट वितरण को लेकर न तो कोई असंतोष है और न ही पार्टी में किसी को, किसी भी तरह से दरकिनार किया गया है।
कांग्रेस मुख्यालय में जब पत्रकारों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से पूछा कि क्या उन्हें लगता है कि भाजपा में वसुंधरा राजे को कथित तौर पर दरकिनार किया जा रहा है।
इसके जवाब में सीएम गहलोत ने कहा, "यह भाजपा का आंतरिक मामला है। इसलिए मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा लेकिन मैं इतना जरूर कहना चाहूंगी कि मेरी वजह से वसुंधरा राजे को सजा नहीं मिलनी चाहिए क्योंकि अगर ऐसा होता है तो यह उनके साथ अन्याय होगा।”
प्रेस से बात करते हुए अशोक गहलोत ने मई में धौलपुर में की गई अपनी टिप्पणी को याद करते हुए कहा कि वह 2020 में कांग्रेस विधायकों के विद्रोह से बच गए थे क्योंकि भाजपा नेता वसुंधरा राजे और मौजूदा वक्त में पार्टी से निलंबित चल रहे कैलाश मेघवाल ने धनबल से उनकी सरकार को गिराने की साजिश का समर्थन नहीं किया था।
सीएम गहलोत ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा: “मैं एक पुरानी घटना बताना चाहूंगा जब मेरी सरकार संकट का सामना कर रही थी। जब मैं राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष था, तब तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरों सिंह शेखावत अमेरिका गये हुए थे। उनके अपने ही लोग उनकी सरकार को गिराना चाह रहे थे। प्रदेश कांग्रेस प्रमुख के तौर पर मैंने इसका विरोध किया था और कहा था कि यह उचित नहीं है।"
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव और तत्कालीन राज्यपाल बलीराम भगत से भी मैने कहा था कि यह सही नहीं होगा।
उन्होंने साल 2020 के प्रकरण पर कहा, “कैलाश मेघवाल को इसकी जानकारी थी और जब हमारी सरकार पर संकट आया तो उन्होंने कहा कि इस तरह सरकारें गिराने की परंपरा नहीं है। मैं वसुंधरा राजे जी से जुड़े विधायकों से मिलता रहता हूं और मुझे उनकी टिप्पणियों के बारे में पता था और एक सार्वजनिक बैठक में मेरे मुंह से यह निकल गया कि उनकी भी वही राय थी, जो कैलाश मेघवाल की थी।''
इस पूरे मामले में सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि सीएम गहलोत की टिप्पणी पर वसुंधरा राजे या भाजपा नेताओं की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है लेकिन यह तो तय है कि उन्होंने भाजपा और वसुंधरा पर सीधे तौर पर निशाना साधा है। इससे पहले वसुंधरा राजे ने भी अशोक गहलोत पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि गहलोत उनकी प्रशंसा में कोई सद्भावना नहीं व्यक्त कर रहे हैं बल्कि यह उनका द्वेष है।