बिहार में मंत्री के घर से शराब मिलने पर तेजस्वी यादव ने साधा निशाना, कहा- 'नीतीश कुमार सबसे बड़े शराब माफिया'
By एस पी सिन्हा | Published: March 11, 2021 02:36 PM2021-03-11T14:36:38+5:302021-03-11T14:36:38+5:30
तेजस्वी यादव ने बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि सीएम की निगरानी में सबकुछ हो रहा है. तेजस्वी ने कहा कि सरकार ने शराबबंदी को मजाक बनाकर रख दिया है.
पटना:बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक बार फिर से राज्य में शराब की अवैध बिक्री और सूबे के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय के घर से शराब की बरामदगी को लेकर सरकार पर हमला बोला है.
उन्होंने कहा कि राज्य में शराबबंदी फ्लॉप है. नेता प्रतिपक्ष ने नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार ने शराबबंदी कानून का मजाक बना दिया है. उन्होंने नीतीश कुमार से मंत्री रामसूरत राय को बर्खास्त करने की मांग की है.
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार इस राज्य के सबसे बड़े शराब माफिया हैं क्योंकि उनकी जानकारी में ही सब कुछ हो रहा है और कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.
राजद प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में तेजस्वी ने सीधे राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय को लपेटा. उन्होंने कहा कि वंचित समाज के लोगों को ही शराबबंदी कानून से परेशान किया जा रहा है, उन्हें जेल भेजा जा रहा है. जबकि, मंत्री और अधिकारी शराब बेच रहे हैं.
तेजस्वी ने साथ ही कहा कि मंत्री रामसूरत राय के घर से शराब पकड़ी गई है. जमीन उनके पिता की है. उनके भाई पर प्राथमिकी दर्ज है तो वे गुनाहगार हैं. उन्हें सरकार में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है.
बिहार सरकार के 64 फीसदी मंत्री दागी: तेजस्वी
तेजस्वी ने कहा कि बात सिर्फ रामसूरत राय की नहीं है. बिहार सरकार के 64 फीसदी मंत्री दागी हैं और बिहार सरकार के संरक्षण में शराब बिक रही है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नीतीश कैबिनेट के कई ऐसे मंत्री हैं जो शराब का धंधा करते हैं और कई शराब माफिया हैं जिनको मंत्री और बड़े अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है.
तेजस्वी यादव ने पूर्व डीजीपी का जिक्र करते हुए कहा कि पूर्व डीजीपी ने यह कहा था कि थाने में शराब की बिक्री होती है और नीतीश कुमार का भी बिहार के सबसे बड़े शराब माफिया के साथ फोटो देखने को मिला था.
उन्होंने सरकार पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि नीतीश सरकार के मंत्री और विधायक शराब बिकवाने का काम करते हैं लेकिन नीतीश जी बेबस, कमजोर, मजबूर और थके हुए मुख्यमंत्री हैं. तेजस्वी ने कहा, 'मैं ये मानता हूं कि देश में इनसे कमजोर कोई दूसरा मुख्यमंत्री नहीं हैं.'
उन्होंने कहा कि मंत्री रामसूरत राय सबूत के साथ जवाब दें. अगर उनके भाई और परिवार के लोग इसमें शामिल हैं तो और क्या सबूत चाहिए? उन्होंने कहा कि रामसूरत राय हमको क्या चैलेंज करेंगे? वो बतायें कि जमीन उनकी है कि नहीं? उनके भाई पर केस दर्ज हुआ है कि नहीं? वह विद्यालय के संस्थापक हैं कि नहीं?
तेजस्वी यादव का अशोक चौधरी पर भी हमला
तेजस्वी यादव ने मंत्री अशोक चौधरी पर हमला बोलते हुए कहा कि मेवा लाल चौधरी को आरोप के बाद पद से हटाया गया. लेकिन उनकी जगह अशोक चौधरी को मंत्री बनाया गया, पर यह बात किसी से छुपी नहीं है कि अशोक चौधरी पर भी आरोप लगे हैं.
वहीं मंत्री मुकेश सहनी पर तंज कसते हुए तेजस्वी ने कहा कि बिहार सरकार के एक ऐसे भी मंत्री हैं जो अपनी जगह भाई को सरकारी कार्यक्रम में भेज देते हैं औऱ उन्हें विआईपी ट्रिटमेंट मिलता है.
तेजस्वी यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पार्टी, प्रशासन व सरकार पर नियंत्रण है, लेकिन शराबबंदी फेल है. सत्ताधारी दल के कई विधायक भी नशे में बार बालाओं संग ठुमके लगाते देखे जा चुके हैं.'
बीजेपी ने किया है तेजस्वी यादव पर पलटवार
दूसरी ओर बिहार भाजपा प्रवक्ता डॉ० निखिल आनंद ने बिहार सरकार के मंत्री रामसूरत राय पर नेता विपक्ष द्वारा अनर्गल लांछन लगाने पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि तेजस्वी यादव को रामसूरत राय के यादव होने से दिक्कत है. इसीलिए वे उनका चरित्रहनन करना चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि लालू परिवार के लोग यादवों को बंधुआ मजदूर बनाकर राजनीतिक ठेकेदारी करना चाहते हैं. ये कभी नहीं चाहते कि कोई भी दूसरा यादव नेता नेतृत्व के स्तर पर स्थापित हो और मंत्री, मुख्यमंत्री या केंद्रीय मंत्री बने. दुर्भाग्यपूर्ण है कि यादवों के नाम पर राजनीति करने वाले राजद नेता ने दूसरे दल के यादव नेताओं के चरित्रहनन की सुपारी ले ली है.
बीजेपी नेता ने कहा कि तेजस्वी यादव को रामसूरत राय पर बयान देने से पहले लालू यादव से पूछ लेना चाहिए कि स्वर्गीय अर्जुन राय कौन थे? जिनके बेटे राम सूरत राय हैं. रामसूरत राय का परिवार सात पुश्तों से बेदाग है.
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि लालू जी ने अनूप लाल यादव, विनायक प्रसाद यादव, गजेंद्र प्रसाद हिमांशु, देवेंद्र यादव सहित अनगिनत यादव नेताओं को जीते जी खत्म किया है.
निखिल आनंद के अनुसार, 'राम लखन सिंह यादव, दरोगा प्रसाद राय, बी० पी० मंडल जैसे लोकप्रिय यादव नेताओं के परिवार की उपेक्षा और बेइज्जती करने में लालू यादव ने कभी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. अब तेजस्वी उसी परंपरा को आगे बढाते हुए चंद्रिका राय, नित्यानंद राय, रामसूरत राय ही नहीं उनके परिवार को गाहे बगाहे निशाना बनाते रहे हैं, जो उनकी व्यक्तिगत अक्षमता और राजनीतिक कुंठा का परिचायक है.'