श्रमिकों की ट्रेन पर फिर छिड़ी सियासत, कांग्रेस ने किराए के दावों को लेकर कहा- महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख को माफी मांगनी चाहिए
By भाषा | Published: May 29, 2020 10:52 PM2020-05-29T22:52:05+5:302020-05-30T05:38:19+5:30
महाराष्ट्र कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि प्रवासी श्रमिकों के ट्रेन किराये का 85 प्रतिशत हिस्सा केंद्र द्वारा वहन किये जाने का प्रदेश भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल का दावा खोखला साबित हुआ है और उन्हें लोगों से माफी मांगनी चाहिए।
मुंबई।महाराष्ट्रकांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि प्रवासी श्रमिकों के ट्रेन किराये का 85 प्रतिशत हिस्सा केंद्र द्वारा वहन किये जाने का प्रदेश भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल का दावा खोखला साबित हुआ है और उन्हें लोगों से माफी मांगनी चाहिए। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने दावा किया कि केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय को बताया है कि देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी श्रमिकों को श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के जरिये उनके गृह राज्य तक पहुंचाने का यात्रा खर्च , राज्यों द्वारा भुगतान किया जा रहा है।
सावंत ने प्रवासी श्रमिकों की यात्रा के लिये रेल किराये का 85 प्रतिशत हिस्सा केंद्र द्वारा वहन किये जाने के पाटिल के दावे को लेकर उन्हें लोगों से माफी मांगने को कहा। सावंत ने आरोप लगाया , ‘‘पाटिल के अलावा, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और निर्मला सीतारमण ने भी इसी तरह के दावे किये हैं।’’ कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि रेल किराये का 85 प्रतिशत हिस्सा केंद्र के वहन करने संबंधी केंद्र सरकार के फैसले का दस्तावेज पेश करना चाहिए, या फिर लोगों से माफी मांगनी चाहिए।
सावंत ने दावा किया कि सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि प्रवासियों को ट्रेन से उनके घर पहुंचाये जाने का खर्च राज्य सरकारें वहन कर रही हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्य सरकारों की छवि प्रवासियों के मुद्दे पर धूमिल करने की कोशिश कर रही है। सावंत ने कहा, ‘‘जब राज्य (महाराष्ट्र) सरकार 80 ट्रेनें मांगती है, तब रेलवे सिर्फ 40 ट्रेनें मुहैया करता है। जब महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार ने यह बात उजागर की तब रेल मंत्री पीयूष गोयल ने एक ही रात में 146 ट्रेनें आवंटित कर दिये। उन्होंने कहा, ‘‘एक ही रात में इतनी सारी संख्या में समय सारिणी की योजना बनाना संभव नहीं है। इसलिए, कई ट्रेनें रद्द करनी पड़ गई।