मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को विधान परिषद में मनोनित करने के लिए राज्यपाल पर दबाव डालना ठीक नहीं: भाजपा

By भाषा | Published: April 22, 2020 07:03 PM2020-04-22T19:03:02+5:302020-04-22T19:03:02+5:30

शिवसेना ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को राज्यपाल के कोटे से विधान परिषद सदस्य के तौर पर मनोनीत करने की सिफारिश राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से की है।

Not good to pressurise Maharashtra Governor Bhagat Singh on Uddhav Thackeray's nomination, says BJP | मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को विधान परिषद में मनोनित करने के लिए राज्यपाल पर दबाव डालना ठीक नहीं: भाजपा

भाजपा ने कहा कि उद्धव ठाकरे के मनोनयन के लिए महाराष्ट्र के राज्यपाल पर दबाव डालना ठीक नहीं। (फाइल फोटो)

Highlightsचंद्रकांत पाटिल ने कहा कि वह उद्धव ठाकरे को विधान परिषद सदस्य के तौर पर मनोनीत करने के खिलाफ नहीं हैं।महाराष्ट्र प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि ठाकरे को विधान परिषद का सदस्य बनने के लिए पहले चुनाव लड़ना चाहिए था।

मुंबई। महाराष्ट्र प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने बुधवार को कहा कि वह राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को विधान परिषद सदस्य के तौर पर मनोनीत करने के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन उन्हें विधान परिषद का सदस्य बनने के लिए पहले चुनाव लड़ना चाहिए था। पाटिल ने यह भी कहा कि ऐसे संकट (कोरोना वायरस) में ठाकरे को विधान परिषद सदस्य नियुक्त करने के लिए राज्य के राज्यपाल पर ‘‘दबाव’’ बनाना अच्छा नहीं दिखता।

पाटिल की यह टिप्पणी राज्य कैबिनेट द्वारा राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से ठाकरे को राज्यपाल के कोटे से विधानमंडल के ऊपरी सदन में एक सदस्य के तौर पर मनोनीत करने की सिफारिश किए जाने की पृष्ठभूमि में आयी है। कोश्यारी ने सिफारिश पर अभी कोई निर्णय नहीं किया है।

पाटिल ने कहा, ‘‘हम ठाकरे को महाराष्ट्र विधानमंडल के ऊपरी सदन में राज्यपाल के कोटे से मनोनीत किये जाने के खिलाफ नहीं हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वास्तव में, ठाकरे के पास 27 मई तक का काफी समय है जब (राज्य विधानमंडल का सदस्य बनने के लिए) छह महीने की अवधि समाप्त होगी।’’

इस महीने की शुरुआत में राज्यपाल को राज्य मंत्रिमंडल द्वारा की गई सिफारिश की ओर परोक्ष तौर पर इशारा करते हुए भाजपा नेता ने कहा कि ठाकरे को एमएलसी के रूप में मनोनीत करने के लिए राज्यपाल पर (कोरोना वायरस) संकट के बीच दबाव डालना अच्छा नहीं लगता। प्रदेश भजपा प्रमुख ने साथ ही इसको लेकर सवाल उठाया कि ठाकरे द्वारा पूर्व में विधान परिषद सदस्य बनने के लिए चुनाव क्यों नहीं लड़ा गया।

उन्होंने पूरे मुद्दे का राजनीतिकरण करने के लिए शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस की महाराष्ट्र विकास अघाडी सरकार का आरोप लगाया। शिवसेना नेता संजय राउत ने सोमवार को जानना चाहा था कि कोश्यारी को राज्य कैबिनेट की सिफारिश को मंजूर करने से कौन रोक रहा है।

उन्होंने यह भी कहा था कि कोश्यारी का भाजपा के साथ जुड़ा गोपनीय नहीं है, लेकिन यह समय राजनीति में लिप्त होने का नहीं है। ठाकरे महाराष्ट्र विधानमंडल के किसी भी सदन के सदस्य नहीं है, उन्होंने 28 नवम्बर 2019 को मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। संविधान के तहत उन्हें 28 मई 2020 तक विधानमंडल का सदस्य बनना है।

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