MP Ki Taja Khabar: कोरोना संकट के बीच मध्य प्रदेश में शिवराज की विधानसभा उपचुनाव पर भी नजर, जारी है प्रशासनिक जमावट का दौर

By शिवअनुराग पटैरया | Published: May 26, 2020 02:03 PM2020-05-26T14:03:33+5:302020-05-26T14:03:33+5:30

मध्य प्रदेश में 24 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. इसे लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच अपने-अपने स्तर पर तैयारी जारी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी प्रशासनिक जमावट में जुट गए हैं।

Madhya Pradesh Assembly by election BJP Govt trying for administrative mobilization amid corona crisis | MP Ki Taja Khabar: कोरोना संकट के बीच मध्य प्रदेश में शिवराज की विधानसभा उपचुनाव पर भी नजर, जारी है प्रशासनिक जमावट का दौर

मध्य प्रदेश में प्रशासनिक फेरबदल का दौर जारी (फाइल फोटो)

Highlightsमध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव पर बीजेपी-कांग्रेस की नजरेंमुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हाल में कर चुके हैं कई प्रशासनिक फेरबदल

भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आगामी 24 विधानसभा उपचुनाव को लेकर प्रशासनिक जमावट के दौर में हैं. मुख्यमंत्री उन अफसरों को हटा रहे हैं जिनकी भाजपा नेताओं से बनती नहीं  है या जो कभी पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के नजदीक हुआ करते थे.
 
बीते 23 मार्च को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनते ही शिवराज सिंह चौहान ने प्रशासनिक सर्जरी को आकार देना प्रारंभ कर दिया था. उन्होंने सबसे पहले मुख्यसचिव एम गोपाल रेड्डी को हटाकर , अपने विश्वस्त इकबाल सिंह बैंस को मुख्य सचिव के तौर पर पदस्थ किया. गोपाल रेड्डी कमलनाथ के करीबी माने जाते थे.

इसके बाद मुख्यमंत्री ने तमाम महत्वपूर्ण विभागों के मुखिया के तौर पर अपने नज़दीकी लोगों को बैठाया. अभी हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सागर और उमरिया के कलेक्टरों को भी चलता कर दिया. दरअसल  उमरिया के कलेक्टर स्वरोचिस सोमवंशी पर आरोप था कि उन्होंने पूर्व मंत्री संजय पाठक के बांधवगढ़ स्थित रिसॉर्ट पर ख़ुद खड़े होकर बुलडोजर चलवाया था. 

इसके साथ ही सागर की कलेक्टर प्रीति मैथिल की पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव से नहीं पट रही थी. इसके कारण उन्हें भी चलता किया गया. यह कोई पहला मौक़ा नहीं है जब नेताओं की नाराज़गी के कारण आईं ए एस और आईपीएस अफसरों के तबादले किये गए हों. इसके पूर्व राजगढ़ की कलेक्टर निधि निवेदिता और रीवा के नगर निगम आयुक्त सर्वजीत यादव को भी हटाया गया था. 

निधि ने कमलनाथ सरकार के दौरान एनआरसी के समर्थन में निकली गई भाजपा की एक रैली के दौरान संघ के स्वयंसेवकों की पिटाई कर दी थी तो सभजीत यादव ने पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ला के खिलाफ़ मुक़दमा दर्ज करा दिया था. इसके साथ ही मुख्मंत्री ने लॉकडाउन के दौरान ही इंदौर, उज्जैन और खंडवा के कलेक्टर और एसपी को बदल डाला.

जानकार सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भाजपा नेताओं से कमलनाथ साकार में पंगा लेने वाले अफसरों को सबक सिखा रहे हैं. वहीं, विधानसभा उपचुनाव के पूर्व उन अफसरों की तैनाती करना जा रहे हैं जो भाजपा नेताओं का करीबी है.

Web Title: Madhya Pradesh Assembly by election BJP Govt trying for administrative mobilization amid corona crisis

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