कुंभ मेलाः कांग्रेस नेता उदित राज ने उठाए सवाल, संबित पात्रा बोले-मित्रों ये है गांधी परिवार की सच्चाई, जानिए मामला
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 15, 2020 07:59 PM2020-10-15T19:59:56+5:302020-10-15T19:59:56+5:30
पूर्व सांसद उदित राज ने ट्वीट किया, ‘‘सरकार द्वारा किसी भी तरह की धार्मिक शिक्षा या अनुष्ठान के लिए पैसा नहीं दिया जाना चाहिए। सरकार का अपना कोई धर्म नहीं होता है। उप्र सरकार इलाहाबाद में कुंभ मेले के आयोजन पर 4200 करोड़ रुपये खर्च करती है, वह भी गलत है।''
नई दिल्लीःकांग्रेस नेता उदित राज ने बृहस्पतिवार को उस वक्त एक विवाद को जन्म दे दिया जब उन्होंने कहा कि कुंभ मेले के आयोजन पर उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पैसा खर्च किया जाना गलत है।
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उनकी इस टिप्पणी से कांग्रेस का कोई लेनादेना नहीं है, क्योंकि यह उनकी निजी राय है और वह अपनी इस टिप्पणी पर बहस के लिए तैयार है। इसको लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि यही गांधी परिवार की सच्चाई है।
उधर, कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि उदित राज का बयान उनकी निजी राय है और पार्टी उससे सहमत नहीं है। पूर्व सांसद उदित राज ने ट्वीट किया, ‘‘सरकार द्वारा किसी भी तरह की धार्मिक शिक्षा या अनुष्ठान के लिए पैसा नहीं दिया जाना चाहिए। सरकार का अपना कोई धर्म नहीं होता है। उप्र सरकार इलाहाबाद में कुंभ मेले के आयोजन पर 4200 करोड़ रुपये खर्च करती है, वह भी गलत है।''
विवाद बढ़ने के बाद उदित राज ने कुछ देर में अपने ट्वीट को डिलीट कर दिया, हालांकि कुछ देर बाद उन्होंने इस इसे फिर बहाल कर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं ट्वीट को बहाल कर रहा हूं और संवाद के लिए तैयार हूं। जब भी राजनीतिक मामला होता है तो कांग्रेस को टैग करता हूं। इसमें नही किया था, क्योंकि व्यक्तिगत विचार है। बिना वजह पार्टी को घसीटा जा रहा है।
डॉक्टर अम्बेडकर मानते थे कि राजनीति और धर्म का मिश्रण नही होना चाहिए।’’ भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने इसको लेकर ट्वीट किया, ‘‘मित्रों ये है गांधी परिवार की सच्चाई। पहले हलफनामा देकर उच्चतम न्यायालय में कहा था कि ‘भगवान श्री राम मात्र काल्पनिक है ..उनका कोई अस्तित्व नहीं और अब प्रियंका वाड्रा जी का कहना है की कुंभ मेला भी बंद होना चाहिए!! तभी तो दुनिया कहती है राहुल और प्रियंका “सुविधा-वादी” हिंदू है !!’’
मैंने वही कहा जो आपके नेता हेमंत सरमा ने बोला।उन्होंने कहा धर्म को सरकारी खर्च पर प्रोत्साहित नहीं करना चाहिए।इसपे डॉ अम्बेडकर का विचार दिमाग में आया &उसे प्रस्तुत किया कि धर्म-राजनीति का मिश्रण नहीं होना चाहिए।नहीं मालूम था आपकी गिद्ध नजर वोट के लिए उन्माद फैलाने की कोशिश करेगी। https://t.co/fITiYzrYlv
— Dr. Udit Raj (@Dr_Uditraj) October 15, 2020