सचिन पायलट गुट के अयोग्य होने पर जानें राजस्थान विधानसभा का समीकरण, अशोक गहलोत को छूना होगा ये जादुई आंकड़ा
By निखिल वर्मा | Published: July 24, 2020 08:39 PM2020-07-24T20:39:25+5:302020-07-24T20:53:31+5:30
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को अपने विधायकों के साथ राजभवन में धरना दिया और राज्यपाल से विधानसभा सत्र बुलाने की मांग की.
मध्य प्रदेश के बाद राजस्थान में कांग्रेस की सरकार पर खतरा मंडरा रहा है। कांग्रेस के युवा नेता सचिन पायलट 18 कांग्रेसी विधायकों के साथ बागी रुख अख्तियार किए हैं। सचिन पायलट की बगावत को देखते हुए कांग्रेस पार्टी ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष से हटा दिया है। गहलोत सरकार में उनसे उप मुख्यमंत्री का पद भी छीन लिया गया है। सचिन पायलट ने अभी कांग्रेस पार्टी नहीं छोड़ी और ना ही उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में जाने की घोषणा की है। उनका कहना है कि वे राजस्थान में सत्ता परिवर्तन की लड़ाई लड़ रहे हैं। इसके बाद राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष सीपी जोशी ने सचिन पायलट और 18 अन्य विधायकों को पार्टी द्वारा की गई शिकायत के आधार पर अयोग्य ठहराने के नोटिस भेजे हैं।
पिछले सप्ताह सोमवार और मंगलवार को कांग्रेस विधायी दल की दो बैठकों में हिस्सा लेने के लिए जारी व्हिप का उल्लंघन करने पर पार्टी ने विधानसभा अध्यक्ष से शिकायत की । इसके बाद इन विधायकों के खिलाफ अयोग्यता संबंधी नोटिस जारी किया गया। पायलट खेमे ने हालांकि दलील दी कि व्हिप तभी लागू होता है जब विधानसभा का सत्र चल रहा हो।
विधानसभा अध्यक्ष को दी गई शिकायत में कांग्रेस ने पायलट और अन्य असंतुष्ट विधायकों के खिलाफ संविधान की 10वीं अनुसूची के पैराग्राफ 2(1)(ए) के तहत कार्रवाई की मांग की थी। विधायक सदन में जिस पार्टी का प्रतिनिधित्व करता है, यदि वह उसकी सदस्यता 'स्वेच्छा' से त्याग देता है तो यह प्रावधान उक्त विधायक को अयोग्य करार देता है। विधायकों ने नोटिस के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका डाली है। मामले की सुनवाई चल रही है।
राजस्थान विधानसभा में कुल सदस्य 200 है। बहुमत के लिए जरूरी 101 विधायकों का समर्थन। कांग्रेस के 107 विधायक हैं, बीजेपी के 72 और 21 अन्य दलों और निर्दलीय विधायक हैं।
बागी विधायक अगर अयोग्य साबित होते हैं
सचिन पायलट अगर अन्य 18 कांग्रेसी विधायकों के साथ अयोग्य साबित हो जाते हैं तो कांग्रेस के सदस्यों की संख्या 88 रह जाएगी। और विधानसभा में सदस्यों की संख्या 181 रह जाएगी। इस स्थिति में बहुमत का आंकड़ा 91 रह जाएगा। कांग्रेस का दावा है कि उनके समर्थन में 100 से ज्यादा विधायक हैं। इस तरह वह अपनी सरकार बचा सकती है।
बागी विधायक अगर अयोग्य साबित नहीं होते हैं
विधानसभा से जारी नोटिस को हाईकोर्ट ने सही नहीं मानकर फ़ैसला पायलट गुट के पक्ष में दिया तो सभी बागी 19 विधायकों की सदस्यता बच जाएगी। हालांकि विधानसभा में विश्वास मत के दौरान कांग्रेस पार्टी ह्विप जारी करेगी। अगर पायलट गुट अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ मतदान करता है तो दल बदल कानून (एंटी डिफेक्शन लॉ) की तहत उनकी सदस्यता चली जाएगी।
दल-बदल कानून से बचने के लिए क्या करना होगा
एंटी डिफेक्शन लॉ उस समय लागू नहीं हो पाएगा जब सचिन पायलट के समर्थन में राजस्थान कांग्रेस के दो तिहाई विधायक रहेंगे। अगर 107 में 72 विधायक सचिन पायलट के साथ आ जाएंगे तो उनके गुट को अलग दल के रूप में मान्यता मिल सकता है। हालांकि ऐसा होना संभव नहीं आ रहा है।