किसान आंदोलनः धर्मसंकट में भाजपा के चौधरी, एक तरफ पार्टी तो दूसरी तरफ बिरादरी

By नितिन अग्रवाल | Published: February 25, 2021 02:47 PM2021-02-25T14:47:42+5:302021-02-25T14:49:05+5:30

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अगर केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया तो इस बार आह्वान संसद घेरने का होगा और वहां चार लाख नहीं चालीस लाख ट्रैक्टर जाएंगे.

kisan andolan farmers protest BJP's Chaudhary party side and fraternity pm narendra modi | किसान आंदोलनः धर्मसंकट में भाजपा के चौधरी, एक तरफ पार्टी तो दूसरी तरफ बिरादरी

सरकार का साथ छोड़ किसानों के साथ आने के लिए दबाव डाल रहे हैं.

Highlights26 जनवरी की घटना के मामले में देश के किसानों को बदनाम करने की साजिश की गई.पार्टी के निर्देशों का पालन करने में बिरादरी में विरोध हो रहा है.किसान आंदोलन में बड़ी संख्या में जाटों के शामिल होने के चलते पार्टी ने हमें उन्हें समझाने की जिम्मेदारी दी थी.

नई दिल्लीः भाजपा ने तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों और खाप पंचायतों के प्रभावशाली चौधरियों को समझाने की जिम्मेदारी जिन जाट नेताओं को सौंपी वो धर्म संकट में फंस गए हैं.

एक तरफ पार्टी और सरकारी फरमान है तो दूसरी तरफ बिरादरी के लोग. पार्टी के निर्देशों का पालन करने में बिरादरी में विरोध हो रहा है और यदि वे बिरादरी के साथ खड़े होते हैं तो पार्टी में प्रभाव कम होने का खतरा है.

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक जाट नेता ने बताया कि किसान आंदोलन में बड़ी संख्या में जाटों के शामिल होने के चलते पार्टी ने हमें उन्हें समझाने की जिम्मेदारी दी थी. ऐसे में जब उन्हें समझाने जाते हैं तो वो हम पर ही सरकार का साथ छोड़ किसानों के साथ आने के लिए दबाव डाल रहे हैं.

ऐसे में यदि ये नेता बिरादरी का साथ देते हैं तो सत्ता सुख से हाथ धोना पड़ेगा, वहीं सरकार का साथ देते हैं तो अपनों के बीच बेगाने होने का खतरा है. यही हाल हरियाणा के जाटों के प्रभाव वाले इलाकों में भी है. वहां भी भाजपा नेताओं का सार्वजनिक कार्यक्र मों में जाना दूभर होता जा रहा है. ये नेता किसानों को कृषि कानूनों के फायदे तो बता रहे हैं, लेकिन कई जगह उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा.

जाट संगठन भी सरकार के रुख से सहमत नहींः जाटों के बड़े संगठन माने जाने वाले अखिल भारतीय आदर्श जाट महासभा और राष्ट्रीय जाट महासंघ भी सरकार के रु ख से सहमत नहीं हैं. दोनों संगठनों का कहना है कि सरकार को किसानों से मांग सुननी चाहिए. अगर सरकार जबरदस्ती आंदोलन को तोड़ने का प्रयास करेगी, तो किसानों का विरोध झेलना होगा.

Web Title: kisan andolan farmers protest BJP's Chaudhary party side and fraternity pm narendra modi

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