कीर्ति आजाद के 'बूथ लूट' बयान पर बीजेपी का काउंटर, कहा- 'कम से कम माना तो गया कि बूथ लूटना कांग्रेस का इतिहास है'
By पल्लवी कुमारी | Published: February 21, 2019 09:09 AM2019-02-21T09:09:07+5:302019-02-21T09:09:48+5:30
कांग्रेस में शामिल होने के बाद दरभंगा में अपनी पहली सभा को संबोधित करते कीर्ति आजाद ने कहा कि पहले पोलिंग बूथ लूट होती थी और वे भी बूथ लूटा करते थे। 1999 के लोकसभा चुनाव में उनकी जीत सुनिश्चित करने के लिए भी बूथ लूटे गए थे।
भारतीय जनता पार्टी से निलंबित नेता और पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजादकांग्रेस में शामिल होने के कुछ दिन बाद ही विवादों में हैं। कीर्ति आजाद ने यह कहकर एक नये विवाद को जन्म दे दिया है कि पहले कांग्रेस के कार्यकर्ता पोलिंग बूथ लूटा करते थे और वे भी बूथ लूटा करते थे। उन्होंने ये भी कहा, मेरे लिए और मेरे पिता भागवत झा के लिए भी बूथ लूटा गया है।
कीर्ति आजाद के इस बयान पर अब बीजेपी ने पलटवार किया है। बिहार बीजेपी के अध्यक्ष नित्यानंद राय ने इस बयान पर पलटवार करते हुए कहा, "कीर्ति ने माना तो की बूथ लूटना कांग्रेस के इतिहास का हिस्सा रहा है। बीजेपी के साथ रहते हुए कभी भी ऐसी चुनावी परंपराओं का सहारा नहीं लिया गया।"
न्यूज वेबसाइट एनडीटीवी के मुताबिक, कीर्ति के उस बयान पर बिहार विधान परिषद में कांग्रेस सदस्य प्रेमचंद मिश्र ने कहा, कीर्ति आजाद के कहने का मतलब था कि वे कांग्रेस की पृष्ठभूमि के ही हैं और पार्टी कार्यकर्ताओं के समर्थन से ही चुनाव लडे और जीते। उन्होंने कहा कि अपनी पुरानी पार्टी में वापस आने के उत्साह में वे बोल गए। बूथ लूटने का मतलब यह नहीं कि उन्होंने ऐसा किया था। अगर बूथ लूटते तो सत्ता से बाहर नहीं होते। हमेशा चुनाव जीतते।
क्या था कीर्ति आजाद का बूथ लूट को लेकर पूरा बयान
कांग्रेस में शामिल होने के बाद दरभंगा में अपनी पहली सभा को संबोधित करते कीर्ति आजाद ने कहा कि पहले पोलिंग बूथ लूट होती थी और वे भी बूथ लूटा करते थे। 1999 के लोकसभा चुनाव में उनकी जीत सुनिश्चित करने के लिए भी बूथ लूटे गए थे। खुद को खांटी कांग्रेसी परिवार का कहते हुए कीर्ति आजाद ने खुलासा किया कि उनके पिता जी के समय भी बिहार में बूथ लूटा जाता था।
दरभंगा में कीर्ति झा आजाद ने कार्यकर्ताओं और समर्थकों में जोश भरते हुए कहा कि आप लोग मेरे पिताजी के लिए भी बूथ कब्जा करने का काम करते थे और वर्ष 1999 में मेरे लिए भी किया। दरअसल, उस समय बैलेट से चुनाव होता था।
Kirti Azad in Darbhanga, Bihar: In those days booths were looted, Congress workers used to loot polling booths for Nagendra ji(former Congress leader). Booths were looted for my father as well and In 1999, for me also, EVMs had not been introduced then. (19.2.19) pic.twitter.com/aaOhOb3h3H
— ANI (@ANI) February 21, 2019
उन्होंने अपनी पत्नी पूनम आजाद को कांग्रेसी परिवार की बेटी बताते हुए कहा कि 'उस दौर में नागेंद्र बाबा (नागेंद्र झा) और डॉ साहब (जगन्नाथ मिश्र) के लिए बूथ लूटा करते थे। उस समय तो लूटा जाता था, लेकिन आज के समय में कोई गड़बड़ी नहीं है। मेरे पिता भागवत झा आजाद के लिए भी बूथ लूटा जाता था। 1999 में मेरे लिए भी लूटा गया था बूथ। उस समय इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) नहीं आई थी।
इस दौरान उन्होंने कहा कि यह हमारी वापसी है। उन्होंने खुद को जन्म से कांग्रेसी बताया। साथ ही उन्होंने बीजेपी को सबसे बड़ा साम्प्रदायिक पार्टी करार दिया। उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ने की इच्छा हमने पार्टी के आलाकमान को बता दिया हैं, लेकिन पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी उसे जरूर पूरा करेंगे।
कीर्ति के पिता भागवत झा आजाद इंदिरा गांधी मंत्रिमंडल में सदस्य थे
कीर्ति के पिता भागवत झा आजाद इंदिरा गांधी मंत्रिमंडल में सदस्य रहे और 1980 के दशक में उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया था। दो दशक से बीजेपी से जुड़े और दरभंगा से दो बार सांसद रहे कीर्ति को दिल्ली एवं जिला क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) में कथित अनियमितताओं के संबंध में केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली पर आरोप लगाने को लेकर 2015 में पार्टी से निलंबित कर दिया गया था।
कीर्ति आजाद का परिचय
कीर्ति आजाद का पूरा नाम कीर्तिवर्धन भागवत झा आजद ( Kirtivardhan Bhagwat Jha Azad)है। कीर्ति आजाद का जन्म 2 जनवरी 1959 में बिहार के पूर्णिया में हुआ था। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री भागवत झा आजाद के कीर्ति आजाद बेटे हैं। ये भारत के पूर्व क्रिकेटर और राजनीतिक नेता है। 1983 की वर्ल्ड कप विजेता टीम के ये सदस्य थे। इन्होंने अपने क्रिकेट करियर में सात टेस्ट मैच और 25 वनेड मैच 1980 से 1986 तक खेले हैं। कीर्ति आजाद ने क्रिकेट कमेंटरी भी की है। इन्होंने अपने राजनीतिक पारी की शुरुआत 1993 में दिल्ली के गोल मार्केट इलाके में विभानसभा चुनाव से की थी। बीजेपी के टिकट पर 1998 में कीर्ति आजाद बिहार के जिला दरभंगा से सांसद बने। कीर्ति आजाद दरभंगा से तीन बार सांसद रहे। 2015 कीर्ति आजाद ने बीजेपी छोड़ा था। 18 फरवरी 2019 को कीर्ति आजाद कांग्रेस में शामिल हो गए हैं।