कश्मीर पर पाकिस्तानी हमले के दौरान जवाहरलाल नेहरू ने मांगी थी RSS से मदद: उमा भारती
By स्वाति सिंह | Published: February 14, 2018 09:13 AM2018-02-14T09:13:15+5:302018-02-14T09:31:45+5:30
केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी की नेता सांसद साध्वी उमा भारती ने उनके चुनाव न लड़ने संबंधी बयान को लेकर बनी भ्रम की स्थिति को साफ करते हुए कहा कि वह तीन साल तक कोई चुनाव नहीं लड़ेंगी।
केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने मंगलवार को कहा कि आजादी के कुछ ही समय बाद जब पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर पर हमला किया तब तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने आरएसएस से मदद मांगी थी। सेना को लेकर आरएसएस प्रमुख द्वारा विवादित टिप्पणी के बाद उमा भारती ने यह दावा किया है। उमा भारती ने बताया कि आजादी के बाद कश्मीर के राजा महाराजा हरि सिंह समझौते पर हस्ताक्षर नहीं कर रहे थे जिसके बाद शेख अब्दुल्ला ने हस्ताक्षर करने के लिए उनपर दबाव डाला।
केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा कि उस वक्त नेहरू दुविधा में थे और फिर पाकिस्तान ने अचानक हमला कर दिया उनके सैनिक उधमपुर की तरफ बढ़ने लगे थे। उस समय नेहरूजी ने गुरु माधव सदाशिव गोवलकर तत्कालीन आरएसएस प्रमुख व आरएसएस के स्वयंसेवकों की मदद मांगी, तब आरएसएस स्वयंसेवक मदद के लिए जम्मू-कश्मीर गए थे।
केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी की अत्यंत मुखर नेता के तौर पर पहचानी जाने वाली झांसी की सांसद साध्वी उमा भारती ने उनके चुनाव न लड़ने संबंधी बयान को लेकर बनी भ्रम की स्थिति को साफ करते हुए यहां मंगलवार को कहा कि वह तीन साल तक कोई चुनाव नहीं लड़ेंगी, लेकिन पार्टी के लिए काम करती रहेंगी। उमा भारती ने यहां अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है, घुटनों और कमर में तकलीफ रहती है, चिकित्सकों ने उन्हें परामर्श दिया है कि वे तीन साल तक ज्यादा यात्राएं न करें, नहीं तो स्थिति और बिगड़ जाएगी। लिहाजा, उन्होंने अगले तीन साल तक कोई चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों जो बात उन्होंने कही थी, उसे आधा-अधूरा बताया गया। वह वर्ष 2019 का लोकसभा और आगामी तीन साल तक कोई भी चुनाव नहीं लड़ेंगी, उसके बाद का चुनाव लड़ेंगी। इस अवधि में पार्टी के लिए काम करती रहेंगी। जिन राज्यों में चुनाव प्रचार में उनकी जरूरत होगी, वहां जाएंगी। (चिकित्सकों ने हालांकि उन्हें ज्यादा यात्राएं न करने की सलाह दी है)
भारती ने आगे कहा कि उन्होंने अपनी बात से पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को अवगत करा दिया है। शाह ने कहा है कि अभी वह मंत्री पद का अपना दायित्व निभाएं। वह 75 वर्ष की उम्र तक राजनीति में सक्रिय रह सकती हैं, अभी तो 54 वर्ष की ही हैं। तीन साल बाद उनके लिए राजनीति के 15 साल रहेंगे।