CAA, NRC और जामिया पर क्या बोले गृह मंत्री अमित शाह, जानिए 25 बड़ी बातें
By भाषा | Updated: December 18, 2019 13:54 IST2019-12-18T13:54:11+5:302019-12-18T13:54:11+5:30
भाजपा अध्यक्ष ने विपक्ष पर इस “कानून को लेकर झूठा प्रचार अभियान” में शामिल होने का आरोप लगाया। शाह ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह संशोधित नागरिकता अधिनियम को लेकर ‘‘झूठा’’ अभियान चला रहा है और हिंदू-मुसलमानों के बीच खाई पैदा कर रहा है।

क्या दुनिया में कोई ऐसा देश है जिसके पास नागरिकों की पंजी न हो?
नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) को लेकर बढ़ते विरोध के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इसके क्रियान्वयन से पीछे हटने का सवाल ही नहीं है। नागरिकता पूरी तरह केंद्र सरकार का विषय है, राज्यों का नहीं।
भाजपा अध्यक्ष ने विपक्ष पर इस “कानून को लेकर झूठा प्रचार अभियान” में शामिल होने का आरोप लगाया। शाह ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह संशोधित नागरिकता अधिनियम को लेकर ‘‘झूठा’’ अभियान चला रहा है और हिंदू-मुसलमानों के बीच खाई पैदा कर रहा है।
उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और विपक्षी दलों के नेताओं को चुनौती दी कि वे बयान जारी करें कि वे चाहते हैं कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के सभी मुसलमानों को भारत की नागरिकता दी जाए। झारखंड में एक चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ‘‘कांग्रेस और उसके दोस्तों’’ के सामने ऐसी ही चुनौती रखी।
जानिए बड़ी बातें, शाह ने कुछ इस तरह विपक्ष को दिया जवाब
किसी की नागरिकता नहीं छीनता
सीएए में अल्पसंख्यकों के खिलाफ कुछ भी नहीं है। इसे पिछले हफ्ते संसद में पारित किया गया और राष्ट्रपति की मंजूरी मिल चुकी है। यह किसी की नागरिकता नहीं छीनता।
कांग्रेस ने सीएए की नींव रखी
कांग्रेस ने सीएए की नींव रखी थी। प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) पर सवाल उठाने वाली कांग्रेस के पाले में गेंद डालते हुए कहा कि 1985 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा असम समझौते पर हस्ताक्षर किये जाने की वजह से इस प्रावधान का सूत्रपात राष्ट्रीय पार्टी द्वारा ही हुआ था।
चट्टान की तरह दृढ़ प्रतिज्ञ
पार्टी और सरकार इसे (सीएए) लेकर दृढ़ हैं। नागरिकता कानून पर पीछे नहीं हटेंगे। सरकार इसके क्रियान्वयन के लिए चट्टान की तरह दृढ़ प्रतिज्ञ है। भरोसा व्यक्त किया कि संशोधित नागरिकता अधिनियम कानूनी समीक्षा में खरा उतरेगा।
अधिनियम न्यायपालिका की जांच में टिका रहेगा
हम शीर्ष अदालत में निश्चित तौर पर इसका बचाव करने में सक्षम होंगे। यह अधिनियम न्यायपालिका की जांच में टिका रहेगा। मैं यह नहीं समझ पा रहा कि सीएए में अल्पसंख्यकों, खासकर मुसलमानों के हितों के खिलाफ क्या है? कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वाम दलों और आम आदमी पार्टी पर नए नागरिकता कानून के खिलाफ ‘झूठा’ प्रचार अभियान चलाने का आरोप लगाया।
क्या दुनिया में कोई ऐसा देश है जिसके पास नागरिकों की पंजी न हो?
क्या दुनिया में कोई ऐसा देश है जिसके पास नागरिकों की पंजी न हो? क्या कांग्रेस पार्टी पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के सभी मुसलमान भाइयों को नागरिकता देने के लिये कह सकती है? सोनिया गांधी और विपक्ष के दूसरे नेता इस संदर्भ में बयान दें। नागरिकता पूरी तरह केंद्र सरकार का विषय है, राज्यों का नहीं।
छात्रों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है
इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि सिर्फ उन्हीं लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है जो प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ व आगजनी में शामिल हैं।
कानून में कुछ भी “अल्पसंख्यक विरोधी” नहीं
कानून में कुछ भी “अल्पसंख्यक विरोधी” नहीं है जो पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता प्रदान कराने का प्रावधान करता है। विपक्ष नए नागरिकता कानून को लेकर “दुष्प्रचार अभियान’’ में शामिल हैं।
राहुल गांधी वीर सावरकर नहीं हो सकते
राहुल गांधी वीर सावरकर नहीं हो सकते, सावरकर होने के लिये काफी त्याग और समर्पण की जरूरत होती है।
भाजपा पूर्ण बहुमत हासिल करेगी
अगले साल होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत को लेकर भी भरोसा व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि 70 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा पूर्ण बहुमत हासिल करेगी।
उसे देश से बाहर भेज दिया जाएगा
असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) धर्म आधारित प्रक्रिया नहीं है। जो कोई भी एनआरसी में शामिल किए जाने योग्य नहीं है, उसे देश से बाहर भेज दिया जाएगा।
पुलिस ने कार्रवाई की, क्योंकि यह उनकी ड्यूटी है
मैंने दिल्ली पुलिस को दिल्ली में कानून व्यवस्था बनाए रखने और शांति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। हिंसा में शामिल प्रदर्शनकारियों ने छह बसों और एक निजी वाहन को आग लगा दी थी। आपको नहीं लगता कि पुलिस को कार्रवाई करनी चाहिए थी? पुलिस ने कार्रवाई की, क्योंकि यह उनकी ड्यूटी है और उनके लिए सही है। पुलिस छात्रों के पीछे नहीं गई थी।
देश में 224 विश्वविद्यालयों में से केवल 22 में प्रदर्शन हुए
देश में 224 विश्वविद्यालयों में से केवल 22 में प्रदर्शन हुए, जिनमें से चार बड़े विश्वविद्यालय हैं। इसलिए यह कहना सही नहीं है कि कई विश्वविद्यालयों में प्रदर्शन हुए हैं। छात्रों ने सीएए को सही तरीके से नहीं पढ़ा है। मैं उनसे सही तरीके से इसे पढ़ने की अपील करता हूं। अगर उनके कुछ मुद्दे हैं तो वे सरकार के समक्ष उसे रख सकते हैं। जब लोग इस कानून को बेहतर तरीके से समझ जाएंगे तो प्रदर्शन धीरे-धीरे कम हो जाएंगे।
धर्म केवल भारत का संविधान है
इस सुझाव को भी खारिज कर दिया कि मोदी सरकार नया नागरिकता कानून और तीन तलाक तथा अन्य कानून लाकर ‘हिंदू राष्ट्र’ बना रही है। बिल्कुल नहीं। हर किसी को अपने धर्म का अनुसरण करने का अधिकार है। इस सरकार का धर्म केवल भारत का संविधान है।
वास्तविक भारतीय नागरिकों को डरना नहीं चाहिए
‘वास्तविक भारतीय नागरिकों’ को डरना नहीं चाहिए। किसी भी भारतीय को देश से बाहर नहीं भेजा जाएगा। मैं अल्पसंख्यकों को बताना चाहता हूं कि एनआरसी के लिए उन्हें व अन्य लोगों को विशेष सुविधा दी जाएगी। लेकिन मैं यह भी पूछना चाहता हूं कि क्या हमें अपनी सीमाओं को अवैध शरणार्थियों के लिए खुला रखना चाहिए? ‘जब भी एनआरसी आएगा तो अल्पसंख्यक समुदाय के किसी भी शख्स को अन्याय का सामना नहीं करना पड़ेगा लेकिन घुसपैठिए को बख्शा नहीं जाएगा।
नरेंद्र मोदी सरकार जल्दबाजी में नहीं है
नरेंद्र मोदी सरकार जल्दबाजी में नहीं है लेकिन लंबे समय से पड़ी समस्याओं को हल करने की कोशिश कर रही है। हम जल्दबाजी में नहीं हैं। निकट भविष्य में कोई चुनाव नहीं है। हम राजनीति नहीं कर रहे हैं। हम उन दिक्कतों को हल करने की कोशिश कर रहे हैं जिन्हें कांग्रेस ने लंबे समय से अटकाकर रखा।
सीतारमण के नेतृत्व पर भरोसा
वित्त मंत्री के तौर पर निर्मला सीतारमण के नेतृत्व पर भरोसा है और अगली तीन तिमाही में अर्थव्यवस्था में वृद्धि होगी।
सहयोगी शिवसेना लालची हो गई
महाराष्ट्र में भाजपा सरकार नहीं बना सकी, क्योंकि उसकी सहयोगी शिवसेना लालची हो गई और वह अपना मुख्यमंत्री चाहती थीस जो भाजपा को मंजूर नहीं था। अगर उन्होंने (शिवसेना) चुनावों से पहले बात की होती तो सब कुछ स्पष्ट हो गया होता। मैं कह सकता हूं कि हमें इससे एक सीख मिली।
शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता हासिल हो और वे सम्मान के साथ भारतीय नागरिक बनकर जिएं
मोदी सरकार सुनिश्चित करेगी कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता हासिल हो और वे देश में सम्मान के साथ जी सकें। कुछ भी हो मोदी सरकार सुनिश्चित करेगी कि इन शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता हासिल हो और वे सम्मान के साथ भारतीय नागरिक बनकर जिएं।
कानून वेबसाइट पर है, इसे पढ़िए
मैं अपने मुस्लिम भाइयों- बहनों से कहना चाहता हूं कि आपको डरने की जरूरत नहीं है। जो लोग भारत में रह रहे हैं, उन्हें डरने की जरूरत नहीं है। कोई भी भारतीय नागरिकता खोने नहीं जा रहा है। कांग्रेस लोगों को भ्रमित करने का प्रयास कर रही है। कानून वेबसाइट पर है। इसे पढ़िए। नरेन्द्र मोदी ‘सबका साथ, सबका विकास’ में विश्वास करते हैं। किसी से भी अन्याय नहीं किया जाएगा।
लोगों को अवैध शरणार्थी नहीं बल्कि भारतीय नागरिक माना जाएगा
कानून के मुताबिक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न सहने वाले और 31 दिसम्बर 2014 तक आने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को अवैध शरणार्थी नहीं बल्कि भारतीय नागरिक माना जाएगा। कानून का एकमात्र उद्देश्य उन लोगों को नागरिकता देना है जो पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक अत्याचार का सामना कर रहे हैं।
मोदी सरकार इन लाखों- करोड़ों लोगों को नागरिकता दे रही है
हिंदू, सिख एवं अन्य भारत नहीं आएंगे तो ये लोग कहां जाएंगे। नेहरू- लियाकत समझौते के मुताबिक इन लोगों को पाकिस्तान में संरक्षण दिया जाना था लेकिन वे ऐसा करने में विफल रहे। अब मोदी सरकार इन लाखों- करोड़ों लोगों को नागरिकता दे रही है। 70 वर्षों से हिंदू, सिख और अन्य बिना किसी नौकरी, जमीन, पानी के रह रहे हैं। मैं राजनीतिक दलों से कहना चाहता हूं कि उनकी स्थिति देखें कि वे किस तरह से अपनी जिंदगी व्यतीत कर रहे हैं।
मौलिक अधिकारों का लाभ उन्हें मिलता रहेगा
किसी भारतीय नागरिक को प्रभावित नहीं करेगा और संविधान में दिए गये मौलिक अधिकारों का लाभ उन्हें मिलता रहेगा। मंत्रालय ने इस मुद्दे पर गलत सूचना फैलाए जाने के लिए चलाए जा रहे अभियान को रोकने की कोशिश के तहत यह कहा है। गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि इस कानून का किसी विदेशी के भारत में निर्वासन से कोई लेना देना नहीं है।
विदेशी नागरिक अधिनियम 1946 और पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम 1920 के मुताबिक क्रियान्वित की जाती है
किसी विदेशी के निर्वासन की प्रक्रिया, चाहे उसका धर्म या देश कुछ भी हो, विदेशी नागरिक अधिनियम 1946 और पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम 1920 के मुताबिक क्रियान्वित की जाती है। दोनों कानून सभी विदेशियों के भारत में प्रवेश एवं निकास, यहां ठहरने, देश में यहां-वहां आने-जाने को शासित करते हैं, भले ही उनका धर्म कुछ भी हो। इसलिए, सामान्य निर्वासन प्रक्रिया भारत में रह रहे किसी अवैध विदेशी पर लागू होगी।
वैश्विक अर्थव्यवस्था में भी सुस्ती है
जहां तक अर्थव्यवस्था की बात है, मैं कई बार यह कह चुका हूं कि इस समय वैश्विक अर्थव्यवस्था में भी सुस्ती है और इसका भारत पर भी असर पड़ रहा है। सीतारमण अर्थव्यवस्था को बहुत अच्छे तरीके से देख रही हैं। उन्होंने कहा कि पिछले महीने ही जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ रुपये से ऊपर निकल गया।
इस महीने की कर प्राप्ति भी बेहतर दिखाई दे रही है
इस महीने की कर प्राप्ति भी बेहतर दिखाई दे रही है। पिछले महीने जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक दूसरी तिमाही के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) विस्तार अप्रैल- जून 2019 के पांच प्रतिशत से नीचे रहा है और यह एक साल पहले की जुलाई- सितंबर अवधि के सात प्रतिशत से काफी नीचे रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक 2019- 20 की जीडीपी वृद्धि के अपने अनुमान को पहले ही 6.1 प्रतिशत से कम कर पांच प्रतिशत कर चुका है। केन्द्रीय बैंक ने इस दौरान मुद्रास्फीति की स्थिति को देखते हुये अपनी प्रमुख नीतिगत दर को भी अपरिवर्तित रखा है। अर्थव्यवस्था में जारी सुस्ती के बीच खुदरा मुद्रास्फीति में पिछले कुछ महीने से लगातार वृद्धि का रुख बना हुआ है।