हरियाणाः खट्टर सरकार को गिराने के लिए कांग्रेस ने लगाया दम, लेकिन चाबी दुष्यंत चौटाला के पास
By शीलेष शर्मा | Published: March 9, 2021 07:48 PM2021-03-09T19:48:32+5:302021-03-09T20:14:20+5:30
हरियाणा विधानसभा में 90 सीटें हैं और वर्तमान में 88 सदस्य हैं। उनमें से भाजपा के 40, जजपा के 10 और सात निर्दलियों में से पांच सरकार को समर्थन दे रहे हैं।
नई दिल्लीः किसानों के लिए बने तीनों क़ानूनों को लेकर कांग्रेस ने हरियाणा में भाजपा के नेतृत्व वाली खट्टर सरकार को अविश्वास प्रस्ताव के ज़रिये सदन के अंदर मतदान के दौरान गिराने की पूरी कोशिश कर रही है लेकिन कांग्रेस के पास अभी तक संख्या बल की जुगाड़ नहीं हो सकी है।
नतीजा सारा दामोदर खट्टर सरकार में शामिल दुष्यंत चौटाला की पार्टी जेजेपी के फ़ैसले पर निर्भर करेगा कि वह आंदोलनकारी किसानों के कितने दवाब में आती है। 90 सीटों वाली विधानसभा में खट्टर सरकार को 55 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। जिसमें भाजपा 30, जेजेपी के 10 और निर्दलीय 5 शामिल हैं।
जबकि कांग्रेस और विपक्ष के पास 35 विधायकों का समर्थन हैं। कांग्रेस के एक विधायक को पहले उसकी सदस्यता समाप्त कर सदन की संख्या से बाहर किया जा चुका है। वहीं भाजपा को समर्थन दे रहे एक विधायक ने किसानों के समर्थन में अपनी सदस्यता से इस्तीफ़ा दे दिया है।
Haryana govt has lost the trust of people, MLAs & independent candidates supporting them have also stepped back. No confidence motion will be presented & voting will be done. Many faces will be unmasked. It is opposition's job to raise people's voice: LoP & former CM BS Hooda pic.twitter.com/jA86igDdWG
— ANI (@ANI) March 9, 2021
सूत्र बताते हैं कि समूची कांग्रेस किसानों से जेजेपी पर दवाब बना रही हैं कि मतदान से पहले ही वह खट्टर सरकार से समर्थन वापस ले ले अथवा सदन में सरकार के ख़िलाफ़ मतदान करे। किसानों ने भाजपा और जेजेपी विधायकों पर दवाब बनाने के लिये राज्य भर में उनका घिराव शुरू कर दिया है।
लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सभी विधायक चंडीगढ़ पहुँच चुके हैं जो भाजपा के संरक्षण में हैं। कांग्रेस नेता भूपेंद्र हुड्डा और रणदीप सुरजेवाला निर्दलीय और जेजेपी विधायकों से संपर्क साध रहे हैं ,परन्तु कोई बड़ी सफ़लता मिलती नज़र नहीं आ रही है।
जेजेपी को दवाब में लेने के लिये सुरजेवाला ने ट्वीट किया " खुद को किसान हितों की पैरोकार बताने वाली दुष्यंत चौटाला की पार्टी ज़जपा को वास्तव में सिर्फ़ कुर्सी प्यारी है। पार्टी ने व्हिप जारी करके कल ‘अविश्वास प्रस्ताव’ का विरोध करने का फ़रमान जारी कर दिया है। वोट लिया और विश्वासघात किया, और सत्ता के लिए किसान हित बेच दिया।"
खुद को किसान हितों की पैरोकार बताने वाली दुष्यंत चौटाला की पार्टी ज़जपा को वास्तव में सिर्फ़ कुर्सी प्यारी है।
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) March 9, 2021
पार्टी ने व्हिप जारी करके कल ‘अविश्वास प्रस्ताव’ का विरोध करने का फ़रमान जारी कर दिया है।
वोट लिया और विश्वासघात किया,
और
सत्ता के लिए किसान हित बेच दिया। pic.twitter.com/uCdYfitcGP
इस ट्वीट का निशाना उन विधायकों पर है जो किसानों के समर्थन में हैं और जेजेपी नेतृत्व से नाराज़ हैं। सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि खट्टर सरकार को कल बचाने के लिये भाजपा ,सीबीआई ,ईडी ,इन्कम टैक्स जैसी संस्थाओं का डर जेजेपी को दिखा सकती है ,क्योंकि दुष्यंत के पिता ओम प्रकाश चौटाला जेल में हैं और उन्ही को बचाने के लिये दुष्यंत खट्टर सरकार को समर्थन देने पर राज़ी हुये थे।