केजरीवाल को 270 हस्तियों ने लिखी चिट्ठी, फरवरी में हुए दंगों की निष्पक्ष जांच की मांग की
By भाषा | Published: July 29, 2020 05:42 AM2020-07-29T05:42:10+5:302020-07-29T05:42:10+5:30
इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में वरिष्ठ पत्रकार एचके दुआ, मृणाल पांडे, पूर्ववर्ती योजना आयोग सदस्य सैयदा हमीद, अंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति श्याम मेनन, कार्यकर्ता अग्निवेश शामिल हैं।
दिल्ली के करीब 270 हस्तियों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिख कर इस साल फरवरी में हुए सांप्रदायिक दंगे की एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश से ‘स्वतंत्र जांच’ कराने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग की अनुशंसा के विपरीत दिल्ली पुलिस ‘मनगढ़ंत’ जांच कर रही है।
इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले वालों में अवकाश प्राप्त एयर वाइस मार्शल एनआई रज्जाकी, पूर्व विदेश सचिव मुचकुंद दुबे, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष वजाहत हबीबुल्ला, माकपा नेता बृंदा करात, सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि यह पत्र दिल्ली पुलिस द्वारा उत्तर पूर्व दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा की एकतरफा, अन्यायपूर्ण बनावटी जांच के प्रति निराशा और चिंता प्रकट करने के लिए लिखा गया है।
केजरीवाल को लिखे पत्र में कहा गया है, ‘‘हम यह पत्र उपयुक्त सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में स्वतंत्र और समयबद्ध जांच का अनुरोध करने के लिए लिख रहे हैं। जांच के दायरे में हिंसा के सभी पहलू शामिल होने चाहिए।’’
अदालत ने हत्या की कोशिश के मामले में एक व्यक्ति की जमानत याचिका खारिज की
उत्तर- पूर्वी दिल्ली में फरवरी में हुई साम्प्रदायिक हिंसा के दौरान हत्या की कोशिश के मामले में गिरफ्तार एक व्यक्ति की जमानत याचिका शहर की एक अदालत ने मंगलवार को खारिज कर दी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने मोहम्मद मुकर्रम की जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि वह गैरकानूनी रूप से एकत्र हुई उस भीड़ का हिस्सा था, जो इलाके में गोली लगने से तीन लोगों के घायल होने के लिये कथित तौर पर जिम्मेदार है
अदालत ने कहा कि घायल व्यक्ति भी आरोपी के इलाके के ही रहने वाले हैं और यदि मुकर्रम को जमानत पर रिहा कर दिया जाता है तो उन्हें धमकी दिये जाने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। अदालत ने कहा कि घटना की सीसीटीवी फुटेज में यह स्पष्ट रूप से दिखता है कि दंगाई भीड़ में सह आरोपी और अन्य व्यक्ति घातक हथियारों से लैस थे। यह सुनवाई वीडियो कांफ्रेंस के जरिये हुई।