खाप पंचायतों को बताएंगे कृषि कानूनों के फायदे, किसान महापंचायतों से निपटने के लिए भाजपा ने बनाई रणनीति
By नितिन अग्रवाल | Published: February 18, 2021 12:46 PM2021-02-18T12:46:15+5:302021-02-18T12:47:39+5:30
केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफः भाजपा नेताओं ने जाट लोगों और खापों के सदस्यों से संपर्क करने के लिए अलग-अलग बैठकें कीं.
नई दिल्लीः तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसानों के प्रदर्शन और विभिन्न राज्यों में 'किसान महापंचायत' के आयोजनों से निपटने के लिए भाजपा ने कमर कस ली है.
पार्टी ने अपने वरिष्ठ नेताओं के माध्यम से किसानों और खासकर खाप पंचायतों में व्यक्तिगत संपर्क के जरिए कृषि कानूनों के फायदे गिनाने की योजना बनाई है. सूत्रों के अनुसार, भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने किसान आंदोलन से प्रभावित राज्यों हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के पार्टी नेताओं के साथ कल रात बैठक की, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के अलावा कई भाजपा सांसद एवं विधायक शामिल हुए.
बैठक के दौरान पार्टी नेताओं को निर्देश दिया गया कि वे खाप पंचायतों से संपर्क करें और कृषि कानूनों को लेकर बने भ्रम को दूर करें. भाजपा नेताओं से कहा गया है कि वे किसानों और खापों के नेताओं को कृषि कानून के व्यावहारिक पहलू बताएं, साथ ही यह भी जानकारी दी जाए कि यह कानून किसानों के बेहतर भविष्य के लिए हैं और सरकार आंदोलनकारियों से बातचीत के लिए तैयार है.
दरअसल, कृषि कानूनों के खिलाफ होने वाली किसान महापंचायतों में उमड़ती भीड़ से भाजपा को राजनीतिक नुकसान का अंदेशा है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने अपने नेताओं को किसानों के बीच प्रभावशाली जाट समुदाय और खाप के नेताओं को मनाने का जिम्मा सौंपा है.
दिग्गजों को मैदान में उतारने की तैयारी किसान महापंचायतों से मुकाबला करने के लिए अब भाजपा किसान मोर्चा गांवों में किसानों के बीच बैठकें आयोजित करेगा. इसके तहत उत्तर प्रदेश से केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, सांसद सत्यपाल सिंह, हरियाणा भाजपा अध्यक्ष ओ.पी. धनखड़ सहित किसानों के बीच लोकप्रिय जाट नेताओं को मैदान में उतारने का फैसला किया गया है.
जमीनी योजना पर काम शुरू: चाहर भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार चाहर ने कहा कि किसान मोर्चा ने जमीनी योजना पर काम शुरू कर दिया है. बैठकों का दौर जारी है. खाप के चौधरियों को कृषि कानून के फायदे गिनाए जाएंगे. कृषि कानूनों पर फैलाए जा रहे भ्रम को दूर किया जा रहा है.