Bihar Assembly election: महागठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं, मांझी के बाद कुशवाहा नाराज, कहा- नहीं मिल रहा सम्मान, NDA में जाने की उम्मीद
By एस पी सिन्हा | Published: September 24, 2020 05:43 PM2020-09-24T17:43:05+5:302020-09-24T17:43:05+5:30
जीतनराम मांझी के हम के बाद अब उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी भी अलग होने की राह पर है. रालोसपा प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा ने अब ये मान लिया है कि तेजस्वी यादव उनकी पार्टी को तवज्जो नहीं दे रहे हैं.
पटनाः बिहार में विपक्षी महागठबंधन का महाभारत थमने का नाम नहीं ले रहा है. विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में चल रही तनातनी अब खुलकर सामने आ गई है.
जीतनराम मांझी के हम के बाद अब उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी भी अलग होने की राह पर है. रालोसपा प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा ने अब ये मान लिया है कि तेजस्वी यादव उनकी पार्टी को तवज्जो नहीं दे रहे हैं.
महागठबंधन में सीट शेयरिंग और मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर मची रार के बीच उपेन्द्र कुशवाहा ने आज बुलाई गई उच्चस्तरीय बैठक में कहा कि महागठबन्धन में पार्टी को सम्मान नहीं मिल रहा है. पार्टी अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने महागठबंधन के खिलाफ गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए पार्टी की बैठक में कह दिया है कि अब फैसला लेने का वक्त आ गया है.
महागठबंधन के मुख्यमंत्री चेहरा के रूप में उपेंद्र कुशवाहा का नाम सामने रखा
रालोसपा ने महागठबंधन के मुख्यमंत्री चेहरा के रूप में उपेंद्र कुशवाहा का नाम सामने रखा है, जिससे राजद को इनकार है. रालोसपा सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर कोई फैसला नहीं किए जाने से भी नाराज है. इस बीच राजद ने बयान जारी करते हुए कहा है कि जिसे जाना है, वो जाए. सभी अपने फैसले के लिए स्वतंत्र हैं.
ऐसे में माना जा रहा है कि कुशवाहा फिर राजग में लौटने का फैसला कर सकते हैं. रालोसपा के प्रधान महासचिव माधव आनंद ने यह कह कर कि महागठबंधन अब आइसीयू में है, इस कयास को और बल दिया है. वहीं कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि हमने बहुत कोशिश की पर सम्मानजनक सीटें हमें नहीं मिल रही हैं, ऐसे में अब वक्त आ गया है कि हम फैसला लें. उन्होंने कहा कि आगे की लडाई कैसे लड़नी है सभी राय दें. महागठबंधन के बाद आगे क्या रास्ता हो सभी बतायें.
नारा लगाया कि ‘अगला सीएम कैसा हो उपेन्द्र कुशवाहा जैसा हो
वहीं, उपेंद्र कुशवाहा की बैठक में पहुंचने पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने नारा लगाया कि ‘अगला सीएम कैसा हो उपेन्द्र कुशवाहा जैसा हो.’ इससे पहले आनंद माधव ने कहा कि महागठबंधन आज आईसीयू में पहुंच गया है. महागठबंधन की स्थिति नाजुक हो गई है.
आज एनडीए में जाने के सवाल पर उन्होंनें कहा कि राजनीति में कभी रास्ते बंद नहीं होते. हमारे लिए कई विकल्प खुले हुए हैं. उन्होंने कहा कि अभी तक सीटों को लेकर आश्वासन तक नहीं मिला है. ऐसी स्थिति में रालोसपा अपना फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है. अगर रालोसपा महागठबंधन से अलग कोई विकल्प तलाश करती है तो इसके लिए राजद और कांग्रेस जिम्मेदार होंगे.
इसबीच, महागठबंधन में संशय की स्थिति के लिए रालोसपा ने सीधे तौर पर राजद और कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है. कुशवाहा एनडीए में वापसी करेंगे या नहीं यह तो पार्टी की बैठक में फैसला लिया जाएगा. लेकिन जीतन राम मांझी ने भी इस बात के संकेत दिए हैं कि कुशवाहा महागठबंधन को बाय-बाय कहने वाले हैं.
तेजस्वी यादव ने उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी के नेताओं को भी राजद ने शामिल कर लिया
इस बीच तेजस्वी यादव ने उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी के नेताओं को भी राजद ने शामिल कर लिया. युवा रालोसपा के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मोहम्मद कामरान को मंगलवार को तेजस्वी ने राजद की सदस्यता दिलाई, जिसे राजद द्वारा रालोसपा में सेंध माना जा रहा है. इससे कुशवाहा काफी नाराज बताए जा रहे हैं.
राजद के प्रवक्ता मृत्यंजय तिवारी कहते हैं कि दबाव की राजनीति तो बर्दाश्त नहीं की जा सकती है. राजद की नीति और नीयत में कोई अस्पष्टता नहीं है. अपना फैसला लेने के लिए सभी स्वतंत्र हैं. वहीं, राजनितिक जानकारों का मानना है कि उपेन्द्र कुशवाहा की घर वापसी भी हो सकती है. कहा जा रहा है कि कुशवाहा का महागठबंधन से मोह भंग हो चुका है और वह एनडीए में शामिल हो सकते हैं.
पिछले कई दिनों से कुशवाहा नाराज चल रहे हैं. उनकी पार्टी का कहना है कि महागठबंधन की तरफ से सीएम पद का उम्मीदवार कुशवाहा होंगे, क्योंकि वो काफी अनुभवी हैं. लेकिन तेजस्वी को ये रास नहीं आ रहा है. ऐसे में कुशवाहा बड़ा फैसला ले सकते हैं.