त्रिपुरा विधानसभा चुनाव: प्रचार के आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बरसे राहुल गांधी
By भारती द्विवेदी | Published: February 16, 2018 01:52 PM2018-02-16T13:52:35+5:302018-02-16T16:54:08+5:30
त्रिपुरा में विधान सभा की 60 सीटें हैं जिनके लिए 18 फ़रवरी को मतदान होना है। राज्य में इस समय सीपीएम की सरकार है।
नई दिल्ली, (16 फरवरी) त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव के लिए शुक्रवार प्रचार का आखिरी दिन है। आखिरी दौर के इस प्रचार के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने त्रिपुरा में हैं। वहां उन्होंने कैलाशहर में एक जनसभा को संबोधित किया है। कांग्रेस अध्यक्ष के निशाने पर एक बार फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रहे। राहुल गांधी ने कहा- 'मोदी जी आते हैं, दो-तीन वादा कर जाते हैं, चुनाव के बाद भूल जाते हैं। जहां भी जाते हैं, कुछ ना कुछ गलत वादा करके चले जाते हैं।'
Modi Ji aate hain, 2-3 vayede kar jaate hain, chunav ke baad bhul jaate hain. Jahan bhi jaate hain, kuch na kuch galat vayeda karke chale jaate hain: Congress President Rahul Gandhi in Tripura's Kailashahar pic.twitter.com/3qHUXnO0Qb
— ANI (@ANI) February 16, 2018
त्रिपुरा की 60 सीटों के लिए 18 फरवरी को चुनाव होना है।तीन मार्च को चुनाव का परिणाम आना है। पिछले 25 सालों से यहां पर वाम मोर्च की सरकार है। माणिक सरकार 1998 में से लगातरा त्रिपुरा के मुख्यमंत्री हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने यहां चुनाव जीतने के लिए अपनी तरफ से पूरा जोर लगा दिया है।
बता दें कि त्रिपुरा विधानसभा क्षेत्र संख्या-53 कैलाशहर निवार्चन क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 46,054 है। इस बार चुनाव में कुल 23,290 पुरुष मतदाता और 22,764 महिला मतदाता अपने मतों का प्रयोग कर राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों की किस्मत तय करेंगे।
सन् 1972 से अब तक हुए नौ विधानसभा चुनावों में से केवल दो बार ही माकपा यहां जीत हासिल करने में कामयाब हुई है, जबकि कांग्रेस ने यहां सात बार जीत हासिल की है। अकेले पांच बार कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष बिराजीत सिन्हा का दबदबा रहा है।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सिन्हा ने इस विधानसभा चुनाव में भी कैलाशहर निवार्चन क्षेत्र से लगातार सातवीं बार नामांकन दाखिल किया है और चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे हैं। दो मार्च 1952 को उत्तरी त्रिपुरा के कैलाशहर में जन्में बिराजीत सिन्हा ने 17 वर्ष की उम्र में छात्र राजनीति में कदम रखा था, तब से वह कांग्रेस के सक्रिय सदस्यों में शुमार हैं। 1972 में युवा ब्लॉक कांग्रेस के सदस्य बनने के बाद वह 1975 में जिला कांग्रेस अध्यक्ष बने।